Uttarakhand Weather: फिर भारी बारिश की चेतावनी, पढ़ें...15 अगस्त पर उत्तराखंड में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?
उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। नैनीताल हरिद्वार और देहरादून में तेज बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने देहरादून समेत पांच जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी दी है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। देहरादून बागेश्वर और नैनीताल में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में ज्यादातर क्षेत्रों में घने बादल छाये हुए हैं और भारी बारिश के दौर जारी हैं। नैनीताल और हरिद्वार समेत आसपास के क्षेत्रों में आसमान से आफत बरस रही है। लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया है।
वहीं, देहरादून में भी कहीं-कहीं जोरदार बारिश के दौर हो रहे हैं। मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी देहरादून-नैनीताल समेत पांच जिलों में गरज-चमक के साथ भारी वर्षा को लेकर चेतावनी दी है। वहीं, शेष जिलों में आकाशीय बिजली चमकने और वर्षा के तीव्र दौर होने की आशंका है।
रायपुर, मालदेवता, सहस्रधारा क्षेत्र में तीव्र वर्षा
गुरुवार को देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में सुबह से ही बादलों का डेरा रहा और हल्की बौछारें पड़ती रहीं। दोपहर बाद रायपुर, मालदेवता, सहस्रधारा क्षेत्र में तीव्र वर्षा के दौर हुए। हालांकि, कहीं गंभीर जलभराव की सूचना नहीं मिली।
वहीं, शाम को भी शहरभर में हल्की वर्षा होती रही। इस दौरान अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। प्रदेश के कई जिलों में भारी वर्षा के दौर हुए और जनजीवन प्रभावित हो गया। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में जगह-जगह भूस्खलन के कारण दुश्वारियां बनी हुई हैं। कई गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क कटा हुआ है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले कुछ दिन कहीं-कहीं भारी वर्षा का सिलसिला बना रह सकता है। शुक्रवार को देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, बागेश्वर और चंपावत में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। शेष जिलों में गरज के साथ आकाशीय बिजली चमकने और तीव्र वर्षा के दौर होने की आशंका है। शनिवार के लिए देहरादून, बागेश्वर और नैनीताल में भारी वर्षा को लेकर आरेंज अलर्ट जारी है।
ज्योतिर्मठ के तमक नाले में बाढ़, तीन घरों को नुकसान
ज्योतिर्मठ विकासखंड के नीति घाटी के तमक नाले में अतिवृष्टि से आई बाढ़ के चलते नौंग तमक गांव को भारी नुकसान पहुंचा है। बताया गया कि तीन आवासीय घरों के साथ कृषि भूमि भी बही है। गदेरे का रुख मुड़ने से गांव को खतरा पैदा हो गया है। बीती रात्रि को भारी वर्षा के चलते तमक नाले में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। मध्यरात्रि को नौंग तमक तोक में लोग घरों से भागकर सुरक्षित स्थानों पर गए।
बताया गया कि नाले के कटाव से हुकम सिंह, दरवानसिंह, गबरसिंह के आवासीय भवनों को क्षति पहुंची है। जबकि कृषि भूमि भी बही है। वर्षा के चलते जिले में 20 से अधिक ग्रामीण सड़के बंद है। बदरीनाथ हाइवे के सुचारु रहने से आमजनमानस को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में आवाजाही के लिए ग्रामीणों को खासी परेशानी हो रही है।
108 कर्मी बरसाती नाले में बहकर लापता
कर्णप्रयाग थाना कर्णप्रयाग अंर्तगत कर्णप्रयाग-ग्वालदम राजमार्ग के आटागाड में बरसाती गदेरे में आए उफान में आकस्मिक सेवा वाहन 108 कर्मी लापता हो गया। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने सर्च लाइट में मूसलाधार बारिश में खोजबीन की, लेकिन बरसाती गदेरे के तेज बहाव में लापता स्वास्थ्य कर्मी का पता नहीं चल सका।
थाना प्रभारी राकेश चंद्र भट्ट ने बताया बुद्धवार रात दस बजे देवाल से 108 सेवा वाहन चालक और उसमें ईएमटी कर्मी गौरव पुत्र कुलदीप उम्र 25 साल निवासी कनोठ (बगवान )कर्णप्रयागमरीज को तिमारदारों के साथ उपजिला चिकित्सालय पहुंचा रहा था। सिमली के समीप आटागाड पुल के पास बरसाती गदेरे में आए मलबे में फंसे एक वाहन को निकालने के लिए धक्का देने के लिए हाथ आगे बढ़ाया ही था कि मलबे में असंतुलित होकर बरसाती नाले के तेज उफान में बह कर लापता हो गया।
श्रीलंका टापू में कई बीघा जमीन बही
लालकुआं: काठगोदाम बैराज से 56 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गौला नदी में आई बाढ़ ने बिंदुखत्ता क्षेत्र में भारी भू कटाव किया है। दर्जनों ग्रामीणों की उपजाऊ भूमि गौला नदी में समा गई है। बिंदुखत्ता के इंद्रानगर सेकंड, रावत नगर, खुरियाखत्ता और देवी मंदिर क्षेत्रों में जबरदस्त भू-कटाव की स्थिति बनी हुई है।
बाढ़ सुरक्षा के लिए बनाए गए कई तटबंध नदी की तेज धारा में बह गए। जिससे कई काश्तकारों की जमीन गौला नदी में समा गई है। इसके अलावा श्रीलंका टापू में चंचल सिंह धामी, केदार सिंह दसौनी और रमेश राणा की कई बीघा कृषि भूमि गौला की भेंट चढ़ गई।
इधर लालकुआं और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। बुधवार की रात को चेयरमैन सुरेंद्र लोटनी, तहसीलदार कुलदीप पांडेय, ईओ राहुल सिंह के नेतृत्व में जल भराव से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। कांग्रेसी नेता प्रमोद कालोनी और अन्य लोगों ने सरकार से तत्काल सहायता और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
तहसीलदार कुलदीप पांडेय ने बताया कि गौला के किनारे और जलभराव वाले क्षेत्रों में भू-कटाव लगातार जारी है। राहत कार्यों के तहत वीआईपी गेट सहित प्रभावित क्षेत्रों से कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है।
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