उत्तराखंड में माउंटेनियरिंग व ट्रेकिंग पर आने वाले सैलानियों के लिए खास सुविधा, ईको टूरिज्म के तहत बना प्लान
Eco Tourism उत्तराखंड में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार पर्वतारोहण और ट्रेकिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू करने जा रही है। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने वन विभाग को कैंपिंग साइट बढ़ाने और एकीकृत वेबसाइट बनाने के निर्देश दिए हैं। इससे उत्तराखंड में माउंटेनियरिंग व ट्रेकिंग आने वाले सैलानियों के लिए खास सुविधा मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। Eco Tourism : उत्तराखंड का 71.05 प्रतिशत क्षेत्र वन भूभाग है, जो ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने में सक्षम है। इसलिए इस क्षेत्र में और अधिक संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए। ईको टूरिज्म की गतिविधियां सामुदायिक सहभागिता से आगे बढ़ाई जानी चाहिए।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में ईको टूरिज्म से संबंधित गतिविधियों की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि राज्य में पर्वतारोहण व ट्रेकिंग की अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम तैयार किया जाए। साथ ही इन गतिविधियों के लिए वार्षिक कैलेंडर भी तैयार होना चाहिए।
सिगल विंडो सिस्टम
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतारोहण व ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों के लिए सिगल विंडो सिस्टम तैयार होने से देश-विदेश से सभी प्रकार की अनुमति एक बार आवेदन से प्राप्त हो सकेंगी। उन्होंने वन विभाग को कैंपिंग साइट बढ़ाने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में ईको टूरिज्म गतिविधियों की समीक्षा की। सूवि
साथ ही कहा कि प्रकृति से बिना किसी छेड़छाड़ के छोटे-छोटे प्रयासों से पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसके लिए फारेस्ट वाकिंग, नेचर ट्रेल जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
एकीकृत वेबसाइट बनाने पर जोर
पर्यटकों की संख्या और राजस्व के लक्ष्य को बड़ा करने के निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि आने वाले समय में योजनाएं लक्ष्यों के अनुरूप बनें। उन्होंने अलग-अलग वन प्रभागों में संचालित हो रही पर्यटन गतिविधियों व योजनाओं के लिए अलग-अलग के बजाए एकीकृत वेबसाइट तैयार करने पर भी जोर दिया।
बैठक में प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक वन पंचायत बीपी गुप्ता, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक रंजन कुमार मिश्र, मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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