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    Uttarakhand Tourism: उत्तराखंड में अब पर्यटकों को नहीं होगी कोई दिक्कत, सुविधा को जल्द तैयार होगा गाइडेंस

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Tue, 30 Nov 2021 12:23 PM (IST)

    पर्यटकों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके मद्देनजर उनकी सुविधा के लिए गाइडेंस एप तैयार किया जाएगा। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने सोमवार को सचिवालय में हुई पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए।

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    Uttarakhand Tourism: उत्तराखंड में अब पर्यटकों को नहीं होगी कोई दिक्कत।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Tourism उत्तराखंड में पर्यटकों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके मद्देनजर उनकी सुविधा के लिए गाइडेंस एप तैयार किया जाएगा। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने सोमवार को सचिवालय में हुई पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह एप यूजर फ्रेंडली होना चाहिए। मुख्य सचिव ने प्रदेश में उद्योगों के लिए आसानी से भूमि उपलब्ध कराने के दृष्टिगत लैंड बैंक तैयार करने पर भी जोर दिया। उन्होंने पर्यटन विभाग में अलग से प्रकोष्ठ बनाने के निर्देश दिए, जो लैंड बैंक के लिए भूमि चिह्नित करेगा। इससे पर्यटन से जुड़े उद्योगों को भी सहूलियत मिलेगी।

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    पर्यटकों को मिले 'वेलकम टू उत्तराखंड' का संदेश

    मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं। साथ ही पर्यटकों की सुरक्षा पर भी ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। इस कड़ी में हेल्पलाइन नंबर का अधिकाधिक प्रचार करने के साथ ही ऐसा सिस्टम भी तैयार किया जाना चाहिए, जिससे राज्य में प्रवेश करते ही पर्यटकों को 'वेलकम टू उत्तराखंड' का संदेश मिले। इसके साथ ही राज्य में पर्यटन से जुड़ी जानकारियां देने वाला एप डाउनलोड करने का लिंक भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

    साहसिक पर्यटन पर हो खास फोकस

    मुख्य सचिव ने बंजी जंपिंग, ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी साहसिक पर्यटन गतिविधियों पर फोकस करने के निर्देश भी दिए और कहा कि इन कार्यों के लिए समय सीमा सुनिश्चित की जानी चाहिए। बंजी जंपिंग व पैराग्लाइडिंग के लिए उपयुक्त स्थानों की तलाश को अध्ययन कराया जाए, ताकि नए स्थल चिह्नित किए जा सकें।

    पर्वतारोहण को अनिवार्य हो ट्रैकिंग डिवाइस

    पर्वतारोहण के लिए ट्रैकिंग डिवाइस अनिवार्य करने के निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिए। उन्होंने कहा कि इससे लापता पर्वतारोहियों व ट्रैकर को ढूंढने में आसानी होगी। उन्होंने पर्वतारोहण और ट्रैकिंग के लिए शुल्क कम करने की जरूरत भी बताई, ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्वतारोहण व ट्रैकिंग दलों को प्रोत्साहित किया जा सके। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

    मानीटरिंग व क्षमता विकास पर जोर

    राज्य में पर्यटन के लिहाज से उपलब्ध सुविधाओं की मानीटरिंग की पुख्ता व्यवस्था के साथ ही क्षमता विकास पर भी मुख्य सचिव ने जोर दिया। उन्होंने कहा कि होटल, रेस्टोरेंट व्यवसाय से जुड़े कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इसके लिए दो-तीन मिनट की वीडियो क्लिप तैयार की जा सकती हैं। यह क्लिप पर्यटन विभाग की वेबसाइट के साथ ही इंटरनेट प्लेटफार्म पर भी मुफ्त उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

    किफायती दर पर उपलब्ध हो हवाई सेवा

    नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने राज्यवासियों और पर्यटकों को किफायती दर पर हवाई सेवाओं की उपलब्धता के प्रयास करने के लिए भी कहा। उन्होंने एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने को अधिकाधिक हेलीपैड विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हेलीपैड विकसित करते समय ट्रांसपोर्टेशन, डिजास्टर मैनेजमेंट और मेडिकल इमरजेंसी जैसे पहलुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

    हेलीपैड के लिए ऐसे स्थल चिह्नित किए जाने चाहिए, जो पर्यटन की दृष्टि से भले ही उपयोगी न हों, मगर आपदा व मेडिकल इमरजेंसी की दृष्टि से उपयोगी हों। हेलीपैड समय पर तैयार हों, इसके लिए साप्ताहिक समीक्षा करने, प्रत्येक प्रोजेक्ट के लिए समय सीमा तय करने के निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिए। बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत आदि उपस्थित थे।

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