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    Uttarakhand Tourism: उत्तराखंड में रफ्तार पकड़ने लगा पर्यटन उद्योग, शीतकालीन पर्यटन की तैयारियों में जुटी सरकार

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Sat, 27 Nov 2021 11:17 PM (IST)

    Uttarakhand Tourism उत्तराखंड में पिछले दो साल से कोरोना संकट के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ पर्यटन उद्योग अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है। चारधाम यात्रा भले ही बेहद सीमित समय के लिए चली लेकिन इस दौरान तीर्थयात्रियों का उत्साह उम्मीद जगाने वाला रहा।

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    उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून: Uttarakhand Tourism उत्तराखंड में पिछले दो साल से कोरोना संकट के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ पर्यटन उद्योग अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है। चारधाम यात्रा भले ही बेहद सीमित समय के लिए चली, लेकिन इस दौरान तीर्थयात्रियों का उत्साह उम्मीद जगाने वाला रहा। इसके साथ ही सरकार अब शीतकालीन पर्यटन की तैयारियों में जुट गई है तो पर्यटन को पटरी पर लाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए है। फिर चाहे वह चारधाम यात्रा व पर्यटन से जुड़े व्यक्तियों को राहत देने की बात हो अथवा होम स्टे जैसी योजना को आकर्षक बनाने की, इसके सकारात्मक नतीजे दिखने भी लगे हैं। ऐसे में उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में पर्यटन उद्योग को न सिर्फ तेजी से पंख लगेंगे, बल्कि बड़ी संख्या में स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

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    उत्तराखंड में पर्यटन की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य में प्रतिवर्ष सामान्य परिस्थितियों में साढ़े तीन करोड़ से अधिक तीर्थयात्री, पर्यटक पहुंचते हैं। इस सबको देखते हुए सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के साथ ही पर्यटन विकास और इससे रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से कई रियायतें भी दीं। इस बीच पिछले दो वर्ष से कोरोना संकट के कारण पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि, अब मौजूदा सरकार ने पर्यटन को पटरी पर लाने के मद्देनजर कदम उठाए हैं। चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े व्यक्तियों के लिए दो सौ करोड़ के आर्थिक राहत पैकेज की व्यवस्था की गई। इससे कराहते पर्यटन उद्योग को एक प्रकार से संजीवनी मिली।

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    अब सरकार ने पर्यटन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही होम स्टे योजना को आकर्षक बनाया है। कैबिनेट की हालिया बैठक में होम स्टे के लिए दी जाने वाली अधिकतम अनुदान राशि को 10 से बढ़ाकर 15 लाख रुपये अथवा प्रोजेक्ट का 50 प्रतिशत जो भी अधिक हो किया है। इसके साथ ही लीज की भूमि पर भी होम स्टे तैयार करने की अनुमति दी है। ऐसे में आने वाले दिनों में होम स्टे योजना तेजी से रफ्तार पकड़ेगी। अभी तक की तस्वीर देखें तो पांच हजार के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 3600 से अधिक होम स्टे तैयार हो चुके हैं। अब इनकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी। साथ ही होम स्टे का उनमें मिल रही सुविधाओं के मद्देनजर श्रेणीकरण भी किया जा रहा है।

    इसी तरह वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में भी अनुदान राशि में इजाफा किया गया है। नए पर्यटक स्थलों को तलाशने पर भी फोकस किया गया है। विभिन्न स्थानों के लिए रोपवे की कसरत की जा रही है। ऐसे में उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में पर्यटन को तेजी से पंख लगेंगे।

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