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    Winter Tourism: वन्यजीव विविधता को प्रसिद्ध है उत्तराखंड, अब सैलानियों को लुभाएंगे बर्ड वाचिंग कैंप और स्नो लेपर्ड टूर

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Fri, 26 Nov 2021 09:49 AM (IST)

    Winter Tourism वन महकमा अब इसके जरिये विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने जा रहा है। इसके लिए अगले तीन महीनों में विभाग विभिन्न वन प्रभागों में बर्ड वाचिंग कैंप नेचर गाइड प्रशिक्षण के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्नो लेपर्ड टूर जैसे आयोजन करेगा।

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    Winter Tourism: वन्यजीव विविधता को प्रसिद्ध है उत्तराखंड।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। वन्यजीव विविधता के लिए प्रसिद्ध उत्तराखंड में वन महकमा अब इसके जरिये विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने जा रहा है। इसके लिए अगले तीन महीनों में विभाग विभिन्न वन प्रभागों में बर्ड वाचिंग कैंप, नेचर गाइड प्रशिक्षण के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्नो लेपर्ड टूर जैसे आयोजन करेगा। विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने इस संबंध में भागीरथी, यमुना व गढ़वाल वृत्त के वन संरक्षकों को कवायद शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

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    प्रदेश सरकार ने आत्मनिर्भर उत्तराखंड का जो नारा दिया है, उसे साकार करने में वन विभाग भी योगदान देगा। इसके तहत ईको टूरिज्म पर खास ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, ताकि स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ ही प्रकृति से बगैर किसी छेड़छाड़ के पर्यटन गतिविधियां हो सकें। इसी कड़ी में विभाग ने विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने का निश्चय किया है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक भरतरी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई भागीरथी, यमुना व गढ़वाल वृत्त के वन संरक्षकों, ईको टूरिज्म व सिक्योर हिमालय परियोजना के अधिकारियों के साथ बैठक में इसकी रूपरेखा तय की गई।

    प्रमुख मुख्य वन संरक्षक भरतरी के अनुसार उत्तराखंड की पक्षी विविधता बेजोड़ है। देशभर में पाई जाने वाली परिंदों की प्रजातियों में से आधे से अधिक यहां चिह्नित की गई हैं। वर्तमान में बड़ी संख्या में मेहमान परिंदे भी विभिन्न क्षेत्रों में डेरा डाले हुए हैं। इस सबको देखते हुए सभी डीएफओ को निर्देशित किया गया है कि वे अगले तीन माह के भीतर पक्षी बहुलता वाले स्थानों में बर्ड वाचिंग कैंप का आयोजन करें।

    उन्होंने बताया कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्नो लेपर्ड (हिम तेंदुआ) आकर्षण का केंद्र है। इसे देखते हुए स्नो लेपर्ड संभावित क्षेत्रों के लिए स्नो लेपर्ड टूर के आयोजन का निर्णय लिया गया है। एक टूर में 20 से 30 व्यक्ति भेजे जाएंगे। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेशभर में आठ स्थानों पर 16 नेचर गाइड प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जाएंगे। इससे स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकेंगे। जल्द ही प्रशिक्षण स्थल तय किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि विंटर टूरिज्म को उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की हरसंभव मदद की जाए।

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