सीएम धामी ने वन्यजीवों के हमलों की चुनौती से निबटने को केंद्र से मांगा सहयोग, केंद्रीय मंत्री ने दिया आश्वासन
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन्यजीव संघर्ष से निपटने के लिए केंद्र से सहयोग मांगा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से बात क ...और पढ़ें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से दूरभाष पर की वार्ता। जागरण
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष की चुनौती से निबटने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र से सहयोग मांगा है। इस कड़ी में उन्होंने केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से दूरभाष पर वार्ता कर इस विषय पर चर्चा की। उन्होंने इस चुनौती से पार पाने के लिए राज्य को अतिरिक्त संसाधन और सहयोग का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष की समस्या कम करने के लिए वन विभाग एवं प्रशासन की ओर से प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। हिंसक वन्यजीवों को नियंत्रित करने को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए केंद्र के सहयोग की आवश्यकता है।
केंद्रीय मंत्री यादव ने राज्य को केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए वैज्ञानिक प्रबंधन, आधुनिक तकनीक और त्वरित राहत व्यवस्था पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने सहयोग के लिए केंद्र का आभार जताते हुए कहा कि राज्य सरकार मानव सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण के बीच संतुलन बनाकर कार्य कर रही है।
संघर्ष थामने को ठोस नीति व क्षेत्रीय समाधान की जरूरत: त्रिवेंद्र
केंद्रीय मंत्री भूूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में गत दिवस दिल्ली में हुई वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की बैठक में समिति के सदस्य व हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड समेत हिमालयी क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष का मुद्दा उठाया। सांसद त्रिवेंद्र के अनुसार उन्होंने कहा कि वन्यजीवों का आबादी वाले क्षेत्रों की ओर रुख करना चिंता का विषय है।
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उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर संघर्ष के मूल कारणों की पहचान करने पर जोर दिया, ताकि समस्या का स्थायी व व्यावहारिक समाधान सुनिश्चित हो सके। उन्होंने हरिद्वार क्षेत्र में हाथियों की ट्रेन की चपेट में आकर मृत्यु की घटनाओं पर भी चिंता जताई। साथ ही इससे पार पाने को रेलवे-वन समन्वय, चेतावनी तंत्र, गति नियंत्रण एवं संरचनात्मक उपायों को सुदृढ़ करने पर बल दिया। उन्होंने लच्छीवाला में हाथी गलियारे से जुड़े मुद्दे पर चर्चा करते हुए वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही के लिए प्रभावी उपायों की जरूरत बताई।

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