उत्तराखंड में e-KYC न कराने पर राशन से होना पड़ेगा वंचित, सरकार ने उठाए सख्त कदम
उत्तराखंड में, जिन उपभोक्ताओं ने ई-केवाईसी नहीं कराई है, उन्हें 1 नवंबर से सरकारी राशन नहीं मिलेगा। सरकार ने राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम उठाया है। जिला पूर्ति कार्यालय ने सभी राशन कार्ड धारकों को 31 अक्टूबर तक ई-केवाईसी कराने का निर्देश दिया है, ताकि राशन की कालाबाजारी को रोका जा सके। डीएसओ ने चेतावनी दी है कि ई-केवाईसी न कराने पर राशन से वंचित होना पड़ेगा।

- परिवार के मुखिया एवं सदस्यों को कराना होगा ई केवाइसी
जागरण संवाददाता, देहरादून। जिन उपभोक्ताओं ने ई केवाइसी नहीं कराई है। उनको एक नवंबर से सरकारी राशन से वंचित होना पड़ सकता है। राशन वितरण में पारदर्शिता को लेकर सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है। जिला पूर्ति कार्यालय की ओर से पूर्व में सस्ता गल्ला विक्रेताओं को केवाइसी कराने के निर्देश जारी हुए थे। लेकिन जिले में अभी तक 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने ई केवाइसी कराई है। ऐसे में 31 अक्टूबर तक हर हाल में परिवार के मुखिया एवं सदस्यों को केवाइसी करानी होगी।
दरअसल, जिला पूर्ति विभाग की ओर से तीन वर्गों में राशन वितरण किया जाता है। केंद्र की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं अंत्योदय योजना के अंतर्गत राशन वितरण किया जाता है। जबकि राज्य सरकार की राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत राशन वितरण किया जाता है। ऐसे में जो उपभोक्ता सरकारी राशन का लाभ ले रहे हैं।
उनके राशन कार्ड धारक एवं सदस्यों को राशन विक्रेता की दुकान पर जाकर बायोमैट्रिक के जरिए ई केवाइसी करानी होगी। जिससे सरकार के पास प्रति माह राशन ले रहे उपभोक्ताओं का आंकड़ा सुरक्षित रह सके। ई केवाइसी कराने का मुख्य उद्देशीय राशन की कालाबाजारी को रोकना है। ऐसे में सरकार ने जिला पूर्ति कार्यालय को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
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वर्तमान में केंद्र एवं राज्य सरकार के अंतर्गत संचालित हो रहे राशन कार्ड धारकों की संख्या 3.75 लाख है। जबकि उपभोक्ताओं की संख्या तकरीबन सात लाख है। अभी तक यह व्यवस्था विधिवत लागू नहीं की गई थी। लेकिन अब सरकार ने सख्ती से नियम को लागू किया है।
डीएसओ केके अग्रवाल ने बताया एक नवंबर से व्यवस्था लागू की जानी है। ऐसे में जिन राशन कार्ड धारक एवं उनके सदस्यों ने ई केवाइसी नहीं कराई है। उनको तत्काल केवाइसी करानी होगी। मामले को गंभीरता से न लेने पर राशन से वंचित होना पड़ेगा। बताया राशन वितरण में पारदर्शिता को लेकर सरकार से निर्देश प्राप्त हुए हैं।

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