Uttarakhand Politics: सीएम तीरथ सिंह रावत की दरियादिली पर कांग्रेस का पाती से प्रहार
कांग्रेस को मुख्यमंत्री तीरथ की विपक्ष के प्रति दरियादिली खासी सुहा रही। पाती के सियासी दांव से पार्टी अब मुख्यमंत्री की जबरदस्त घेराबंदी कर रही। इसे चुनावी साल का दबाव कहें या कोरोना काल की मजबूरी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निशाने पर लेने का चलन इस महीने काफी बढ़ गया।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कांग्रेस को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की विपक्ष के प्रति दरियादिली खासी सुहा रही है। पाती के सियासी दांव से पार्टी अब मुख्यमंत्री की जबरदस्त घेराबंदी कर रही है। इसे चुनावी साल का दबाव कहें या कोरोना संकट काल की मजबूरी, मुख्यमंत्री को सीधे पत्र लिखकर निशाने पर लेने का चलन इस महीने काफी बढ़ गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर विपक्ष की उपेक्षा करने का आरोप लगाते रहे कांग्रेस के नेता, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अब एक या दो बार नहीं, बल्कि बार-बार पत्र भेजने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री यूं तो कांग्रेस के निशाने पर रहे ही हैं, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के बीच हालात बदले-बदले दिखाई दे रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश तो मुख्यमंत्री को गाहे-बगाहे पत्र लिख ही रहे हैं, लेकिन अब प्रदेश संगठन के अन्य पदाधिकारी भी दिग्गजों की तर्ज पर ही पत्र के हथियार को भांज रहे हैं।
दरअसल, इससे पहले के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विपक्ष को तरजीह नहीं देने और उसके सुझाव नहीं मानने के आरोपों के बीच कांग्रेस के निशाने पर रहे हैं। तीरथ सिंह रावत ने बीती 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से विपक्षी नेताओं के साथ मुलाकात से गुरेज नहीं किया। मुख्यमंत्री से मुलाकात को लेकर सहज दिख रही कांग्रेस के भीतर नेताओं में अब मुख्यमंत्री को पाती लिखने की होड़ है।
खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह एक माह के भीतर आधा दर्जन पत्र मुख्यमंत्री को भेज चुके हैं। वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय तो इस मामले में कहीं आगे हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना भी 10 दिन के भीतर तीन दफा मुख्यमंत्री को पत्र भेज चुके हैं। इस विपत्ति काल में पार्टी को यह दांव खासा रास आ रहा है।
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