Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand News: यशपाल आर्य ने कहा- विधानसभा सत्र की अवधि कम रखने का हर स्तर पर करेंगे विरोध

    Updated: Tue, 18 Feb 2025 03:07 AM (IST)

    उत्तराखंड के विधानसभा सत्र की अवधि को कम रखने पर कांग्रेस विधानमंडल दल ने तीखी आपत्ति जताई है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि सरकार विधायकों को अपने क्षेत्र के मुद्दों को उठाने से रोकने के लिए सत्र को सीमित कर रही है। कांग्रेस विधायकों ने कड़े भू-कानून आपदा भ्रष्टाचार और स्मार्ट मीटर जैसे मुद्दों पर सरकार की घेराबंदी करने का फैसला किया है।

    Hero Image
    नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के शासकीय आवास पर बैठक करते कांग्रेस विधायक। साभार: कांग्रेस

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल ने विधानसभा सत्र की अवधि को लगातार कम रखने पर तीखी आपत्ति की है। मुख्य विपक्षी दल के विधायकों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सदन में विधायक अपने क्षेत्र के मुद्दों को प्रभावी ढंग से न उठा सकें, इस कारण विधानसभा सत्र को नाममात्र के लिए चलाया जा रहा है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि पार्टी हर स्तर पर प्रदेश की भाजपा सरकार के इस कदम का विरोध करेगी। इसके अतिरिक्त कड़े भू-कानून, आपदा, भ्रष्टाचार, स्मार्ट मीटर के मुद्दों को लेकर सरकार की घेराबंदी की जाएगी। 

    प्रश्नों का जवाब देने से बचा रही सरकार

    तीन वर्षों से सोमवार को विधानसभा का सत्र आहूत नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला प्रदेश होगा, जहां नेता सदन यानी मुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री को सरकार अपने विभागों से संबंधित प्रश्नों का जवाब देने से बचा रही है।

    नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के शासकीय आवास पर सोमवार देर सायं कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक हुई। बैठक में विधायकों ने कहा कि विधानसभा का सत्र को केवल सरकारी एजेंडे के अनुसार चलाया जा रहा है। 

    विपक्ष की भूमिका और उसके विधायकों को सदन में मुद्दों को उठाने से रोकने के लिए सत्र को कुछ दिन चलाने की परंपरा डाल दी गई है। 

    इसके विरोध में उन्होंने एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने पिछली बार कार्यमंत्रणा समिति से त्यागपत्र दे दिया था। सरकार के रवैये में अब भी परिवर्तन नहीं आ सका है।

    उन्होंने कहा कि सोमवार को सत्र नहीं होने से विधायक मुख्यमंत्री और संसदीय कार्यमंत्री से उनके विभागों के प्रश्न नहीं पूछ पा रहे हैं। प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि आखिर विधानसभा में सोमवार का दिन कब आएगा। 

    उन्होंने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति में 20 फरवरी तक ही सत्र की व्यवस्था बनाई गई है। ऐसे में 21 फरवरी तक सत्र को सीमित करने का अंदेशा है। इसका विरोध किया जाएगा। कांग्रेस विधायक हर स्तर पर पुरजोर विरोध करेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा की थी कि अगला सत्र 10 दिन की अवधि का होगा, लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

    समस्याओं को लेकर सरकार पर दबाव

    बैठक में यह भी तय किया गया कि विधायक अपने-अपने क्षेत्रों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर सरकार पर दबाव बनाएंगे। पार्टी प्रदेश में कड़ा भू-कानून चाहती है, ताकि भूमि खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़े और भू-माफिया पर अंकुश लग सके। सरकार का तंत्र भ्रष्टाचार में लिप्त है। साथ ही स्मार्ट मीटर लगाकर आमजन का उत्पीड़न किया जा रहा है। सदन में जन समस्याओं को लेकर पार्टी मुखर रहेगी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि 20 फरवरी को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी। इसमें सत्र को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी। 

    यह भी पढ़ें: एसएसबी गुरिल्ला संगठन ने CM आवास किया कूच, पुलिस से नोंकझोंक हुई, कई प्रदर्शनकारी गिरफ्तार