Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand News: नए वित्तीय वर्ष में कर से 26 हजार करोड़ रुपये जुटाएगी उत्तराखंड सरकार, विभागों की बढ़ेगी जिम्मेदारी

    Updated: Wed, 15 Jan 2025 04:28 AM (IST)

    उत्तराखंड सरकार के सामने नए वित्तीय वर्ष में राजस्व जुटाने की बड़ी चुनौती होगी। वेतन पेंशन भत्तों के साथ विकास कार्यों और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर बढ़ने वाले बजट भार को उठाने के लिए राजस्व जुटाने वाले विभागों को अधिक प्रयास करने होंगे। कर और करेत्तर राजस्व के रूप में आय बढ़ाने की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी जिसमें लगभग 3500 करोड़ रुपये अधिक पाने होंगे।

    Hero Image
    नए वित्तीय वर्ष में कर से 26 हजार करोड़ रुपये जुटाएगी सरकार।

    रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून। नए वित्तीय वर्ष में वेतन, पेंशन, भत्तों के साथ विकास कार्यों और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर बढ़ने वाले बजट भार को उठाने के लिए राजस्व जुटाने वाले विभागों को जमकर पसीना बहाना पड़ेगा। कर और करेत्तर राजस्व के रूप में आय बढ़ाने की उनकी जिम्मेदारी और बढ़ने जा रही है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मात्र कर राजस्व के रूप में उन्हें लगभग 3500 करोड़ रुपये अधिक पाने होंगे। एसजीएसटी, वैट, आबकारी, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन, खनन में अब तक 66 प्रतिशत से लेकर 81 प्रतिशत तक राजस्व लक्ष्य प्राप्त हो चुका है।

    सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बजट में लगातार वृद्धि 

    विभागों के उत्साह दृष्टिगत वार्षिक राजस्व लक्ष्य पाने की उम्मीद है। ऐसे में चालू वित्तीय वर्ष में कर राजस्व 22,509 करोड़ रुपये के लक्ष्य को अगले बजट में 26 हजार करोड़ के आसपास रखने की तैयारी है।

    प्रदेश सरकार गरीबों, कमजोर और वंचित वर्गों, वृद्धों, महिलाओं और दिव्यांगों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बजट में लगातार वृद्धि कर रही है। साथ ही प्रति वर्ष राज्य में कार्मिकों के वेतन, भत्तों के साथ ही पेंशन मद के खर्च भी बढ़ रहे हैं। 

    राजस्व खर्च में वेतन, मजदूरी, पेंशन और ब्याज भुगतान के रूप में वचनबद्ध मद और अन्य वचनबद्ध मदों में खर्च बढ़ रहा है। राजकोष पर अधिक व्ययभार को संभालने में केंद्र सरकार से मिल रहे वित्तीय अनुदान की बड़ी भूमिका है। 

    इस क्रम में प्रदेश सरकार ने अपने वित्तीय संसाधन बढ़ाने के लिए तेजी से हाथ-पांव मारने शुरु कर दिए हैं। पांच वर्षों में स्वयं के साधनों से राज्य ने कर राजस्व में 7732 करोड़ अधिक प्राप्त किए हैं।

    69 प्रतिशत राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति

    वित्तीय वर्ष 2024-25 को समाप्त होने में अब लगभग ढाई माह का समय शेष रह गया है। इस वर्ष कर और करेत्तर राजस्व के रूप में 27,383 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य रखा गया। नौ जनवरी, 2025 तक लगभग 18,777 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं। 

    कुल राजस्व का यह लगभग 69 प्रतिशत है। वार्षिक लक्ष्य की तुलना में एसजीएसटी में 66 प्रतिशत, आबकारी में 77 प्रतिशत, वैट में 78 प्रतिशत, परिवहन में 68 प्रतिशत और स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन में 76 प्रतिशत कर प्राप्त किया जा चुका है। खनन में सर्वाधिक 81 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त हुआ है।

    सरकार राजस्व से जुड़े विभागों को आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। कुछ विभागों ने कर और करेत्तर राजस्व में अपने प्रदर्शन को बहुत सुधारा है, जबकि कुछ विभागों को बेहतर करने की आवश्यकता है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व लक्ष्य को बढ़ाया जा रहा है, ताकि बढ़ते खर्च की प्रतिपूर्ति हो सके।

    -आनंद बर्द्धन, अपर मुख्य सचिव वित्त

    वसूली में पिछड़े ऊर्जा, वन और जल कर

    कुल विभागों का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। इनमें ऊर्जा ने करेत्तर राजस्व के रूप में मात्र 14 प्रतिशत वसूली की है, जबकि इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के रूप में मात्र 50 प्रतिशत राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति हो सकी। वन विभाग ने करेत्तर राजस्व के रूप में 50 प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया है। जलकर के रूप में भी राजस्व वसूली मात्र 27 प्रतिशत रही है।

    यह भी पढ़ें: IPS Promotion: उत्तराखंड में 12 आईपीएस अधिकारियों को दिया गया प्रमोशन, धामी सरकार ने जारी किए आदेश

    comedy show banner
    comedy show banner