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    नशा मुक्ति केंद्रों में होता है शर्मनाक बर्ताव, जुल्म की इंतहा से लेकर सामने आते हैं कई चौंकाने वाले सच

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Mon, 16 Aug 2021 03:21 PM (IST)

    नशा मुक्ति केंद्रों में युवक-युवतियों के साथ शर्मनाक बर्ताव होता है। वहां पीड़ितों न तो ठीक से खाना मिलता है और न ही सोना। इतना ही जुल्म की इंतहा यहीं ...और पढ़ें

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    नशा मुक्ति केंद्रों में होता शर्मनाक बर्ताव, युवक-युवतियां हो जाते हैं फरार।

    विजय जोशी, देहरादून। नशे की गिरफ्त में फंसे युवाओं को आजादी की किरण दिखाने वाले नशा मुक्ति केंद्र अत्याचार का पर्याय बने हुए हैं। अपने बेटे-बेटी को नशे के चंगुल से छुड़ाने की उम्मीद में अभिभावक उन्हें नशा मुक्ति केंद्र के भरोसे छोड़ तो देते हैं, लेकिन वहां पीड़ितों के साथ जो बर्ताव होता है, वह वाकई शर्मनाक है। न तो ठीक से खाना मिलता है और न ही सोना। पिटाई अलग। ऐसे तमाम मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें युवक-युवतियां नशा मुक्ति केंद्रों से फरार हुए हैं या उनके स्वजन उन्हें कुछ दिनों में ही वहां से ले गए। उसके बाद उन्होंने जो आपबीती सुनाई वह चौंकाने वाली होती है।

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    सहारनपुर निवासी एक युवक को नशे की लत लत थी। स्वजन ने युवक को दून के रिस्पना पुल स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करवा दिया। छह माह तक उपचार करने के लिए मोटी रकम भी अदा की, लेकिन युवक डेढ़ माह में यहां से घर भाग गया। उसने स्वजन को बताया कि केंद्र में न तो उसे पर्याप्त खाना मिलता था और न ही सुकून से सोने दिया जाता था। इसके अलावा नशे की मांग करने पर बेल्ट से पीटा जाता। डेढ़ महीने में ही उसका छह किलो वजन कम हो गया।

    मैं यहां जिंदा नहीं रह पाऊंगा

    शिमला बाईपास निवासी एक युवक को शराब और गांजे की लत थी। इनसे छुटकारा पाने के लिए वह बड़ोवाला स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती हो गया। वहां छह माह तक उपचार के लिए उन्होंने 60 हजार रुपये भी जमा कराए, लेकिन नशा छुड़ाने के नाम पर युवक पर अत्याचार किए गए। उसे किसी से मिलने भी नहीं दिया जाता था। एक बार पत्नी से दो मिनट की मुलाकात कराई गई तो उसने कहा कि उसे यहां से बाहर निकाल लो, वरना वह जिंदा नहीं रह पाएगा। जिस पर स्वजन उसे वहां से ले गए। उसने बताया कि उसे डंडों से पीटा जा रहा था और दिनभर भूखा रखा जाता था।

    जान दे दूंगा पर नशा मुक्ति केंद्र नहीं जाऊंगा

    शास्त्री नगर निवासी एक किशोर को स्वजन ने मालसी क्षेत्र स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करवाया, लेकिन कुछ दिन के भीतर ही वह यहां से फरार हो गया। तीन दर्जन अन्य युवक भी नशा मुक्ति केंद्र से भाग गए थे। कुछ दिन बाद जब युवक मिला तो उसने स्वजन से कहा कि वह जान दे देगा, लेकिन नशा मुक्ति केंद्र नहीं जाएगा। उसकी बातें सुनकर स्वजन भी घबरा गए।

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