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    उत्तराखंड: परिसंपत्ति बटवारे से परिवहन निगम और वन निगम को बड़ी राहत, आर्थिक रूप से होंगे सशक्त

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Fri, 19 Nov 2021 08:43 AM (IST)

    लखनऊ में परिसंपत्तियों के बटवारे को लेकर हुई बैठक काफी सकारात्मक रही है। बैठक में उत्तराखंड को परिवहन निगम की परिसंपत्तियों के बटवारे के एवज में 205 क ...और पढ़ें

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    उत्तराखंड: परिसंपत्ति बटवारे से परिवहन निगम और वन निगम को बड़ी राहत।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड परिवहन निगम एवं वन विकास निगम के लिए लखनऊ में परिसंपत्तियों के बटवारे को लेकर हुई बैठक काफी सकारात्मक रही है। बैठक में उत्तराखंड को परिवहन निगम की परिसंपत्तियों के बटवारे के एवज में 205 करोड़ रुपये देने पर सहमति बनी है। वहीं, वन विकास निगम को भी 90 करोड़ रुपये देने पर सहमति जताई गई है। ये धनराशि इन दोनों निगमों को आर्थिक रूप से सशक्त करने में मददगार होगी।

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    राज्य गठन के बाद जब परिवहन निगम की संपत्तियों का बंटवारा हुआ उस समय नई दिल्ली स्थित अजमेरी गेट स्थित राज्य अतिथि गृह, लखनऊ स्थित मुख्यालय एवं कार सेक्शन, कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला, एलन फारेस्ट कार्यशाला एवं ट्रेनिंग सेंटर का भी विभाजन हुआ। इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि इन परिसंपत्तियों का 13.66 प्रतिशत अंश उत्तराखंड को दिया जाएगा।

    उस समय बाजार मूल्य पर उत्तराखंड को इन परिसंपत्तियों के 27 करोड़ रुपये दिए जाने थे। उस समय उत्तर प्रदेश ने यह राशि उत्तराखंड को नहीं दी। समय के साथ इन परिसंपत्तियों का बाजार मूल्य बढऩे लगा। बैठक में इन परिसंपत्तियों के बाजार मूल्य का 13.66 प्रतिशत 250 करोड़ बताया गया। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने इसके सापेक्ष 205 करोड़ रुपये देने पर सहमति जताई है। इससे लगातार घाटे में चल रहे परिवहन निगम की माली हालात सुधारने में मदद मिलेगी।

    वन विकास निगम को मिलेगी राहत

    उत्तर प्रदेश वन निगम और उत्तराखंड वन विकास निगम के बीच हुए बटवारे के दौरान उत्तराखंड को 225 करोड़ रुपये देने पर सहमति बनी थी। उत्तर प्रदेश वन निगम ने यह धनराशि जारी नहीं की। 2019 में परिसंपत्तियों के बटवारे को लेकर हुई बैठक में दोनों निगमों में 77.31 करोड़ देने पर सहमति बनी। इस सहमति के दो वर्ष बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में 77 करोड़ की धनराशि बढ़कर 90 करोड़ हो गई है, जिसे देने पर उत्तर प्रदेश ने सहमति जताई है।

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