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    Uttarakhand News: गैरसैंण में होगा विधानसभा सत्र! अनुपूरक बजट रखने की तैयारी

    Updated: Sat, 28 Jun 2025 03:10 PM (IST)

    Uttarakhand News राज्य विधानसभा का मानसून सत्र अगस्त में गैरसैंण में होने की संभावना है जहाँ अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सत्र की तिथियां तय करेंगे। पंचायत चुनाव के बाद सत्र की तैयारी शुरू होगी। सरकार को सदन सुचारू रूप से चलाने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। विपक्ष के तेवर तीखे रहने की संभावना है।

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    गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में हो सकता है विधानसभा का मानसून सत्र। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । राज्य विधानसभा का मानसून सत्र आगामी अगस्त में गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में हो सकता है। सत्र में अनुपूरक बजट रखने की तैयारी है। विधानसभा सत्र की तिथियां तय करने के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निर्णय लेंगे।

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    राज्य मंत्रिमंडल की विगत बुधवार को हुई बैठक में विधानसभा का सत्र आहूत करने को स्वीकृति दी। विधानसभा का सत्र देहरादून होगा या गैरसैंण, और इसकी तिथियां क्या रहेंगी, इस बारे में निर्णय मुख्यमंत्री धामी लेंगे। मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री को इसके लिए अधिकृत किया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार विधानसभा के मानसून सत्र को पंचायत चुनाव के बाद अगस्त माह में आयोजित किया जाएगा।

    यद्यपि, अगस्त माह में भारी बरसात भी होती है। इसके बावजूद प्रदेश सरकार सत्र का आयोजन गैरसैंण में करने का निर्णय ले सकती है। वैसे भी गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया है। वहां गर्मियों के मौसम में ही विधानसभा सत्र कराने को अनुकूल माना जाता है।

    विधानसभा का पिछला सत्र 22 फरवरी, 2025 को देहरादून में हुआ था। अगला सत्र छह माह के भीतर यानी 21 अगस्त से पहले होना चाहिए। ऐसे में अगस्त माह में सत्र के आयोजन की तैयारी की जा रही है। इससे पहले जुलाई माह में हरिद्वार को छोड़कर प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं।

    पंचायत चुनाव में आरक्षण निर्धारण को लेकर हाईकोर्ट में मामला होने के कारण पंचायत चुनाव कार्यक्रम बाधित हुआ है। इसका अगले माह जुलाई में आगे खिसकना तय है। जुलाई के बाद सरकार विधानसभा सत्र की तैयारियां प्रारंभ करेगी।

    मानसून सत्र में अनुपूरक बजट पेश किया जा सकता है। अनुपूरक बजट में सरकार के चालू विकास कार्यक्रमों के लिए अतिरिक्त बजट के साथ प्रस्तावित की जाने वाली नई योजनाओं के लिए बजट की व्यवस्था की जाएगी। यद्यपि, सरकार के सामने इस बार सदन को सुचारू चलाने की चुनौती रहेगी। विधायी एवं संसदीय कार्य का प्रभार मुख्यमंत्री धामी के पास ही है।

    विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री यह प्रभार किसी भी वरिष्ठ मंत्री को सौंप सकते हैं। पंचायत चुनाव निपटने के बाद होने वाले मानसून सत्र में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के तेवर तीखे रहने तय माने जा रहे हैं। ऐसे में विधायी एवं संसदीय कार्य का प्रभार देने के लिए मुख्यमंत्री धामी किस मंत्री पर भरोसा जताते हैं, इस पर सत्ताधारी दल के साथ ही विपक्षी दल की नजरें भी टिकी हैं।