केंद्र से इस माह आखिर तक मिल सकती है 1000 करोड़ की सौगात, पढ़िए पूरी खबर
चीन और नेपाल की सीमा से सटे उत्तराखंड में मुख्य मार्गों को सुदृढ़ करने की मुहिम के साथ ही अब ग्रामीण सड़कों को लेकर भी केंद्र सरकार संजीदा हुई है। इस क्रम में पीएमजीएसवाई के तहत इस माह के आखिर तक केंद्र से 1080 करोड़ की सौगात मिल सकती है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। चीन और नेपाल की सीमा से सटे उत्तराखंड में मुख्य मार्गों को सुदृढ़ करने की मुहिम के साथ ही अब ग्रामीण सड़कों को लेकर भी केंद्र सरकार संजीदा हुई है। इस क्रम में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत इस माह के आखिर तक केंद्र से 1080 करोड़ की सौगात मिल सकती है। पूर्व में विभिन्न कारणों से लटकी 127 सड़कों और निर्माणाधीन अथवा बन चुकी सड़कों पर 142 पुलों के निर्माण के लिए राज्य की ओर से भेजे गए प्रस्तावों का केंद्र ने तकनीकी परीक्षण करा लिया है। अब अगले हफ्ते होने वाली केंद्रीय ग्राम्य विकास मंत्रालय की बैठक में इन प्रस्तावों पर प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
16 हजार से अधिक गांवों वाले उत्तराखंड में ग्रामीण क्षेत्रों को सड़क सुविधा से जोडऩे में पीएमजीएसवाई की भूमिका किसी से छिपी नहीं है। हालांकि, पूर्व में पीएमजीएसवाई की 127 सड़कों के प्रस्ताव वन भूमि हस्तांतरण, ग्रामीणों के मध्य विवाद समेत अन्य कारणों के चलते रद कर दिए गए थे। यही नहीं, राज्य के स्तर से हुई चूक के कारण राज्यभर में बन चुकी अथवा निर्माणाधीन कई सड़कों पर पड़ने वाले नदी-नालों में पुलों का निर्माण न होने से ये शो-पीस बनकर रह गई थीं। इन सड़कों के प्रस्तावों में पुलों के निर्माण का प्रविधान ही नहीं किया गया था।
पिछले वर्ष जब पीएमजीएसवाई की पड़ताल हुई तो तब उक्त बातें सामने आई। इसके बाद प्रदेश सरकार सक्रिय हुई और इन सड़कों व पुलों के निर्माण के लिए केंद्र में दस्तक दी गई। राज्य की विषम परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र ने इस दिक्कत को समझा और इन सड़कों व पुलों के निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी दी। इसके बाद शासन ने इन सड़कों व पुलों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर प्रस्ताव केंद्र को भेजे।
बताया गया कि केंद्र के स्तर पर इन प्रस्तावों का तकनीकी परीक्षण करा लिया गया है। अपर सचिव एवं राज्य में पीएमजीएसवाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उदयराज सिंह ने बताया कि दिल्ली में अगले हफ्ते होने वाली केंद्रीय ग्राम्य विकास मंत्रालय की बैठक में ये प्रस्ताव रखे जाएंगे। उम्मीद है इन प्रस्तावों पर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति मिल जाएगी और इस माह के आखिर में धनराशि भी राज्य को उपलब्ध हो जाएगी।
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