Uttarakhand Lockdown: बेवजह घूम रहे युवक पुलिस के लिए बने सिरदर्द, फटकारी लाठियां
पुलिस ने बेवजह घूमने वाले लोगों पर पुलिस ने सख्ती दिखाई। पुलिस ने कहीं लाठियां फटकारी तो कहीं उठक-बैठक कराकर उन्हें गलती का अहसास कराया।
देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन के तीसरे दिन सड़कों पर बेवजह घूमने वाले लोगों पर पुलिस ने सख्ती दिखाई। पुलिस ने कहीं लाठियां फटकारी तो कहीं उठक-बैठक कराकर उन्हें गलती का अहसास कराया। हालांकि, पुलिस की सख्ती के बावजूद भी कुछ लोग मानने को तैयार नहीं है, वे दिनभर वाहनों को बेवजह इधर-उधर दौड़ाते रहे।
लॉकडाउन में प्रदेश सरकार ने सुबह सात से सुबह 10 बजे तक आवश्यक सेवाओं के लिए छूट दी है। इस दौरान बड़ी संख्या में आवश्यक चीजों की खरीददारी करने के लिए लोग बाजार में उमड़े। निर्धारित समय समाप्त होने के बाद भी कुछ लोग बेवजह सड़कों पर वाहन दौड़ाते रहे। निरंजनपुर और आइएसबीटी के पास बाइक से घूम रहे लोगों पर पुलिस ने लाठियां फटकार कर भगाया। इस दौरान पुलिस ने एक युवक को पकड़ा और जब उससे बेवजह घूमने का कारण पूछा तो युवक सही जवाब नहीं दे पाया उसके बाद पुलिस ने युवक से उठक-बैठक कराई फिर उसे छोड़ा।
51 मुकदमे किए गए दर्ज
लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर बुधवार को प्रदेश में कुल 51 मुकदमे दर्ज किए गए। 335 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 23 मार्च को 175, जबकि 24 मार्च को 160 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। देहरादून जिले की बात करें तो लॉकडाउन के तहत आदेशों का उल्लंघन करने वाले 24 व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। आरोपितों को विभिन्न थानों से व्यक्तिगत मुचलके पर छोड़ा गया। दूसरी ओर पुलिस ने 34 वाहनों का मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान किया। जबकि 11 वाहनों को सीज किया गया। डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने जनता से अपील की है कि कोरोना वायरस के खिलाफ जारी इस जंग में सहयोग दें।
लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 335 गिरफ्तार
लॉकडाउन के दौरान शराब बेचने वाले दो लोगों को राजपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों की कार सीज कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। राजपुर थाने के एसओ अशोक राठौड़ ने बताया कि सूचना मिली कि बापू नगर अंसल ग्रीन वैली से एक स्विफ्ट कार में दो व्यक्ति शराब भरकर तस्करी के लिए ले जा रहे हैं। पुलिस ने तलाशी ली तो कार के अंदर से विभिन्न ब्रांडों की 100 बोतलें शराब बरामद की गई। आरोपितों ने पूछताछ में अपने नाम पवन राघव निवासी जाखन और राजीव कुमार निवासी सवरेदय नगर विजयनगर गाजियाबाद के रूप में हुई है।
लॉकडाउन के दौरान शराब बेचते दो दबोचे
लॉकडाउन के बावजूद घंटाघर चौक पर पुलिस खुद नियमों का उल्लंघन करती नजर आई। छूट की निर्धारित समय समाप्त होने के बाद पुलिस ने एक व्यक्ति को पकड़ा। व्यक्ति ने पूछताछ में बताया कि वह प्लंबर है और उसे ऋषिकेश जाना है। पुलिस ने कहा कि आने-जाने में तो प्रतिबंध है। उसके बाद उस शख्स ने पुलिसकर्मियों को फोन पर किसी अधिकारी की रिकार्डिंग सुनवाई। उसके बाद पुलिसकर्मी ने उसे जाने दिया।
परामर्श नंबर पर अश्लील मैसेज भेज रहा युवक
एक युवक ने तो बेशर्मी की हदें ही लांघ दी हैं। दून मेडिकल कॉलेज की तरफ से मरीजों के लिए चिकित्सकों के नंबर जारी किए गए हैं। इनमें एक महिला चिकित्सक के नंबर पर युवक अश्लील मैसेज भेज रहा है, जिसकी शिकायत कॉलेज प्रशासन ने पुलिस में की है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सामान्य ओपीडी बंद होने के बाद डॉक्टरों के नंबर जारी किए गए थे। ताकि मरीज उनसे फोन पर ही परामर्श प्राप्त कर सकें। इनमें कई महिला चिकित्सक भी शामिल हैं। कोई शरारती युवक इनमें एक महिला चिकित्सक को अश्लील मैसेज भेज रहा है। चिकित्सक ने पहले तो उसे समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब वह नहीं माना तो उन्होंने प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना से इसकी शिकायत की। जिस पर प्राचार्य ने स्क्रीनशॉट और नंबर भेज कर पुलिस को कार्रवाई के लिए कहा है। प्राचार्य का कहना है कि शरारती तत्व उनका मनोबल तोड़ रहे हैं।
लॉकडाउन का खुला लॉक, बाजार में टूटे लोग
सुबह सात से 10 बजे तक के दून के बाजार का हाल देख लीजिए। लॉकडाउन में दी जा रही इन तीन घंटों की ढील में लोग दुकानों पर ऐसे टूट पड़ रहे हैं, जैसे कल से सामान मिलेगा ही नहीं। ये लोग सोशल डिस्टेंस (एक दूसरे से दूरी बनाना) का पालन करना तो दूर, इन्हें देखकर लग ही नहीं रहा कि यह समय वैश्विक महामारी का है। यह भीड़ बता रही है, जैसे दून में खाद्यान संकट हो गया हो। इस भीड़ में कब कौन किससे कोरोना वायरस का संक्रमण अपने घर ले आए, कुछ नहीं कहा जा सकता।
गंभीर यह भी नहीं कि छूट की अवधि में ये लोग सारी एहतियात और नियमों को दरकिनार कर कोरोनो वायरस को न्यौता देने के अंदाज में खरीदारी कर रहे थे। गंभीर यह है कि प्रशासन और पुलिस का भी बाजार में उमड़ी इस भीड़ का कोई जोर नहीं दिखा। या यूं कहें कि अधिकारियों ने भी तीन घंटे की इस छूट में आंखें मूंद ली थी। बात चाहे गली-महोल्लों की दुकानों की हो, रायपुर व सहस्रधारा रोड जैसे बाहरी क्षेत्र की हो या हनुमान चौक जैसे मुख्य स्थल की, हर जगह नजारा एक जैसा दिखा। एक दूसरे से दूरी कहीं नहीं दिखी। लोग दुकानों के आगे सड़क पर काफी आगे तक खचाखच वाले अंदाज में खड़े थे।
प्रेमनगर क्षेत्र में दैनिक उपयोग की वस्तुओं की खरीद के लिए लाइन तो लगी, मगर लोगों में परस्पर दूरी नदारद थी। शायद लोग और अधिकारी भी भूल गए हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण को दूर करने के लिए लॉकडाउन किया गया है और तीन घंटे की छूट भी घर भरने के लिए नहीं, बल्कि जरूरत की वस्तुओं से कोई वंचित न रहे, इसके लिए दी गई है। ऐसे में 21 दिन का लॉकडाउन तो जरूरत पूरा हो जाएगा, मगर मकसद अधूरा रह जाएगा।
नाम आवश्यक सेवा की ड्यूटी का और काट रहे मौज
कई चेकिंग प्वाइंट पर यह भी देखने को मिल रहा है कि आवश्यक ड्यूटी में शामिल प्रतिष्ठानों के कार्मिक मौज काट रहे हैं। वह मनमर्जी से यहां वहां भटक रहे हैं। पुलिस इन लोगों को रोक तो रही है, मगर आवश्यक ड्यूटी का जवाब सुनते ही छोड़ दे रही है। इसकी आड़ में तमाम कार्मिक मनमानी करते दिखे। पता चल रहा है कि कार्मिक की आवश्यक ड्यूटी का स्थल एक छोर पर है और वह उलटी दिशा में जा रहा है। ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को सख्ती से यह भी पूछना चाहिए कि संबंधित कार्मिक की ड्यूटी किस स्थल पर है। अभी पूछताछ की यह स्थिति नजर नहीं आ रही।
आढ़त और धमावाला बाजार आज रहेंगे बंद
कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए आढ़त और धमावाला बाजार के व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने गुरुवार को बाजार बंद रखने का फैसला लिया है। डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए जिलाधिकारी ने सुबह 7 से 10 बजे तक तीन घंटे आवश्यक वस्तुओं की दुकानों के खुलने की समय अवधि रखी गई है। दोनों बाजारों की दुकानों में भारी भीड़ जमा होने व इससे वायरस के संक्रमण के फैलने का खतरा पैदा होने की संभावना को देखते हुए व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने गुरुवार को दुकानें बंद रखने का फैसला लिया है। इस दौरान उक्त बाजारों में दून पुलिस द्वारा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए जारी की गई सूची से दुकानदारों से संपर्क कर आम जनता द्वारा होम डिलीवरी की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
कोरोना के चक्र को तोड़ना है तो दूरी बनानी ही होगी
लॉकडाउन का मकसद यह है कि लोग घरों से बाहर न निकलें। जब घर में सामान खत्म हो जाए, तभी बाहर निकलें। क्योंकि जब लोग एक दूसरे के सीधे संपर्क में नहीं आएंगे तो यह वायरस एक सप्ताह में स्वत: खत्म हो जाएगा। दूसरी तरफ अगर वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता रहा तो उसे काबू करना किसी के भी बूते की बात नहीं होगी।
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हालात नहीं सुधरे तो कर्फ्यू ही विकल्प
जिस तरह से तीन घंटे की छूट में ही लोग दिनभर की खरीदारी लायक सामान जुटा ले रहे हैं, अगर यह स्थिति नहीं बदली तो कर्फ्यू ही एकमात्र विकल्प रह जाएगा। इसके बिना हम कोरोना को नहीं हरा पाएंगे। तब समाज के हारने की नौबत आ जाएगी। ऐसी स्थिति में पुलिस व प्रशासन को अपनी शक्तियों का प्रयोग करना ही होगा।
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