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    Uttarakhand lockdown बना गंगा के लिए वरदान, हरकी पैड़ी में पहली बार इतना साफ हुआ पानी

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Wed, 15 Apr 2020 10:23 PM (IST)

    लॉकडाउन अवधि में राष्ट्रीय नदी गंगा की सेहत में सुधार हुआ है। पीसीबी केदेवप्रयाग से हरिद्वार तक कराई गई गंगा जल की गुणवत्ता के नमूनों की जांच रिपोर्ट में यह पता चला।

    Uttarakhand lockdown बना गंगा के लिए वरदान, हरकी पैड़ी में पहली बार इतना साफ हुआ पानी

    देहरादून, राज्य ब्यूरो। देवभूमि में लॉकडाउन अवधि में राष्ट्रीय नदी गंगा की सेहत में सुधार हुआ है। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) द्वारा देवप्रयाग से हरिद्वार तक कराई गई गंगा जल की गुणवत्ता के नमूनों की जांच रिपोर्ट में यह पता चला है। इसके मुताबिक पहली बार हरिद्वार में हरकी पैड़ी में गंगा के पानी की गुणवत्ता ए श्रेणी की आई है। साथ ही, ऋषिकेश से लेकर हरिद्वार तक फीकल कॉलीफार्म की मात्रा में भी कमी आई है।

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    उत्तराखंड देश के उन राज्यों में शामिल है, जहां गंगा की स्वच्छता और निर्मलता को नमामि गंगे प्रोजेक्ट चल रहा है। इसके तहत गंगा से लगे 15 शहरों और कस्बों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण कार्य करीब 90 फीसद पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा गंगा में गिर रहे गंदे नाले भी टैप किए गए हैं। इन कार्यों के सकारात्मक नतीजे ये आए कि गोमुख से लेकर ऋषिकेश में अपर स्ट्रीम तक गंगा के जल की गुणवत्ता पहले ही ए श्रेणी की हो गई थी। यानी इस पानी को पीने के उपयोग में लाया जा सकता है। 

    अलबत्ता, ऋषिकेश के डाउन स्ट्रीम पशुलोक से लेकर हरिद्वार तक गंगा जल की गुणवत्ता बी श्रेणी की थी, यानी वहां के पानी का उपयोग नहाने में ही लाया जा सकता है। इस बीच 24 मार्च को लॉकडाउन होने के बाद स्थिति बदली है। फैक्ट्रियां बंद हैं तो होटल, आश्रम और धर्मशालाएं भी। ऐसे में इनकी गंदगी भी गंगा में जाने से थमी है। लॉकडाउन अवधि में गंगा के जल पर पड़े असर का पीसीबी ने सात अप्रैल से अध्ययन कराया। इसके तहत देवप्रयाग से लेकर हरिद्वार तक छह स्थानों पर गंगा के पानी की सैंपलिंग की गई। 

    देहरादून स्थित केंद्रीय प्रयोगशाला में नमूनों की जांच के बाद पीसीबी ने मंगलवार को इसके आंकड़े जारी किए। पीसीबी के मुख्य पर्यावरण अधिकारी और केंद्रीय प्रयोगशाला के प्रभारी एसएस पाल के अनुसार लॉकडाउन अवधि में गंगा के जल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि पहली बार हरिद्वार में हरकी पैड़ी में गंगा जल की गुणवत्ता ए श्रेणी की आई है। पहले यह बी श्रेणी की थी। इसी प्रकार ऋषिकेश में पशुलोक के नजदीक भी गंगा के पानी की गुणवत्ता ए श्रेणी की आई है, जो पहले बी में थी। 

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    इसके अलावा देवप्रयाग, ऋषिकेश गंगा बैराज, लक्ष्मणझूला में गंगाजल की ए श्रेणी की गुणवत्ता बरकरार है। अलबत्ता, हरिद्वार में बिंदुघाट और जगजीतपुर में गुणवत्ता बी श्रेणी की है, लेकिन वहां फीकल कॉलीफार्म (मल-मूत्र) में कमी दर्ज की गई। बिंदुघाट में फीकल कॉलीफार्म में पिछले माह के मुकाबले इस बार 25 और जगजीतपुर में 27 फीसद की कमी आई है।

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