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    अब बच नहीं सकेंगे उत्तराखंड में भू-कानून का उल्लंघन करने वाले, निगरानी के लिए तैयार हो रहा नया पोर्टल

    Uttarakhand Land Law उत्तराखंड में भू-कानून का उल्लंघन करने वालों पर अब निगरानी रखी जाएगी। एक नया भू-पोर्टल बनाया जा रहा है जो 1640 पटवारी-लेखपाल क्षेत्रों में भूमि की खरीद-बिक्री का ऑनलाइन ब्योरा रखेगा। जिलाधिकारी हर महीने रिपोर्ट लेंगे और राजस्व परिषद को भेजेंगे। नए नियमों में उद्योगों और निवेशकों को दिक्कत नहीं होगी और प्रक्रिया सरल की जाएगी।

    By Ravindra kumar barthwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 03 May 2025 02:52 PM (IST)
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    Uttarakhand Land Law: 1640 पटवारी-लेखपाल क्षेत्रों में नए भू-कानून की पोर्टल से निगरानी. Jagran Graphics

    रविंद्र बड़थ्वाल, जागरण, देहरादून। Uttarakhand Land Law:    उत्तराखंड में भू-कानून का उल्लंघन करने वाले अब बच नहीं सकेंगे। सशक्त भू-कानून लागू होने के बाद भूमि की खरीद-बिक्री पर नजर रखने के लिए नया भू-पोर्टल बनाया जा रहा है।

    एनआइसी के सहयोग से बनने वाला यह पोर्टल राजस्व परिषद के अंतर्गत संचालित होगा। इसके माध्यम से प्रदेशभर के 1640 पटवारी-लेखपाल क्षेत्रों में भूमि की खरीद-बिक्री का आनलाइन ब्योरा नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा। उधर, नए भू-कानून के क्रियान्वयन के लिए नियमावली बनाई जा रही है। इसमें जिलाधिकारी और शासन स्तर से भूमि खरीद की अनुमति देने की समयबद्ध प्रक्रिया होगी।

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    जिलाधिकारी हर महीने उपजिलाधिकारी से रिपोर्ट लेंगे, जबकि प्रत्येक तिमाही अपनी रिपोर्ट राजस्व परिषद को भेजेंगे। नियमावली को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। प्रदेश सरकार ने जनभावना को केंद्र में रखकर कड़ा भू-कानून बनाया है।

    पहले से चली आ रही व्यवस्था से छेड़छाड़ नहीं

    यद्यपि, इसमें भूमि की अनाप-शनाप बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए प्रविधान किए गए हैं, लेकिन यह ध्यान भी रखा गया है कि राज्य में निवेश या निवेशक हतोत्साहित न होने पाएं।

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    यही कारण है कि नए कानून में भी औद्योगिक उपयोग, शिक्षा, अस्पताल, होटल जैसे अवस्थापना विकास और रोजगारपरक क्षेत्रों में निवेश करने वालों के लिए पहले से चली आ रही व्यवस्था से छेड़छाड़ नहीं की गई।  यह अलग बात है कि जिस उद्यम के लिए भूमि ली गई है, उसका दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा।

    भूमि जिस प्रयोजन से ली गई है, उसी के लिए उपयोग करना होगा, अन्यथा भूमि सरकार में निहित हो जाएगी। पोर्टल से होगा नियमित अनुश्रवण नए कानून के अनुसार सरकार पोर्टल बनाकर भूमि खरीद प्रक्रिया की निगरानी करेगी।

    सभी जिलाधिकारी राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपेंगे। अभी भू-उपयोग पोर्टल है, लेकिन यह नए कानून के अनुसार अपडेट नहीं है। ऐसे में नया भू-पोर्टल बनाया जाएगा। नए पाेर्टल के माध्यम से प्रदेश के समस्त पटवारी-लेखपाल क्षेत्रों में भूमि की खरीद और बिक्री का तहसील से लेकर जिला और शासन स्तर पर नियमित अनुश्रवण किया जाएगा।

    भू-कानून का उल्लंघन होने पर संबंधित स्थल या भूमि के फोटो के साथ अपडेट सूचना पोर्टल में दर्ज की जा सकेगी। समस्त पटवारी और लेखपाल आनलाइन इससे जुड़ेंगे।

    अब तक हुए संशोधनों के लिए भी नियमावलियां

    नए कानून को पूरे प्रदेश में इस प्रकार प्रभावी बनाया जाएगा, ताकि भू-कानून का उल्लंघन करने वाले तुरंत पकड़ में आ सकें। राजस्व विभाग नए कानून की नियमावली बनाने में जुटा है। औद्योगिक एवं निवेश के प्रयोजन के लिए भूमि खरीद की अनुमति के लिए अनिवार्यता प्रमाणपत्र, शपथपत्र, आवेदन करने समेत कानून के क्रियान्वयन से जुड़ी समस्त प्रक्रिया का विवरण नियमावली में होगा।

    इसके स्वरूप सरल रहेगा, ताकि आवेदक को अनावश्यक कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भू-कानून में अब तक जितने संशोधन किए गए हैं, उनसे जुड़ी नियमावलियां भी इसका हिस्सा होंगी।

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    भूमि खरीद व भू-उपयोग परिवर्तन की समयबद्ध प्रक्रिया

    नियमावली में उद्योगों की ओर से भूमि खरीदने के बाद वहां 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देने से संबंधित सूचनाएं देने की व्यवस्था बनाई जा रही है। साथ ही भूमि खरीद और भू-उपयोग परिवर्तन की अनुमति की व्यवस्था समयबद्ध की जाएगी।

    राजस्व सचिव एसएन पांडेय ने बताया कि जिलाधिकारी प्रत्येक माह उपजिलाधिकारियों से रिपोर्ट लेंगे। राजस्व परिषद को जिलाधिकारी की ओर से प्रत्येक तिमाही में रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद परिषद अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेगा। नई नियमावली को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।