बाल उत्पीड़न मामले में उत्तराखंड का देश में 18वां स्थान
राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के अध्ययन में खुलासा हुआ कि उत्तराखंड में भी बचपन सुरक्षित नहीं। इस मामले में उत्तराखंड देश में 18वें स्थान पर रहा।
देहरादून, [जेएनएन]: देश के सबसे साक्षर राज्यों में शुमार उत्तराखंड में भी 'बचपन' उत्पीड़न की बेड़ियों से जकड़ा हुआ है। गत वर्ष उत्तराखंड बाल उत्पीड़न के मामले में देश में 18वें स्थान पर रहा, जबकि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर। यह कड़वी हकीकत राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के अध्ययन में उजागर हुई है।
अपनी ऐतिहासिक और पौराणिक विरासत के चलते उत्तराखंड देश में अलग पहचान रखता है। राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान इसकी गरिमा को और बढ़ाते हैं। बावजूद इसके यहां बचपन सुरक्षित नहीं। वर्ष 2015 में राज्य में कुल 635 बच्चे उत्पीड़न या अपराध के शिकार हुए।
पढ़ें-इन दिग्गजों का स्कूल बुरे दौर में, बोर्ड ने हटाया सूची से नाम
एनसीआरबी का अध्ययन बताता है कि बाल उत्पीड़न के मामले में उत्तराखंड अपने समान क्षेत्रफल व जनसंख्या वाले राज्यों में सबसे ऊपर है। हकीकत को थोड़ा करीब से समझने का प्रयास करें तो पूरे देश में निवास करने वाली जनसंख्या के 0.7 फीसद बच्चे अकेले उत्तराखंड में उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा गत वर्ष सात बच्चे मानव तस्करी के भी शिकार हुए, जो पूरे देश में हुई बच्चों की मानव तस्करी का 0.2 फीसद है।
पढ़ें: उत्तराखंड के 72 पीसीएस ने नहीं दिया संपत्ति का ब्योरा
एएसपी, ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल, देहरादून ममता बोरा के मुताबिक बाल उत्पीड़न और बच्चों की तस्करी पर भी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल नजर रखती है। गत वर्ष में जितने मामले आए हैं, उनमें से कई का खुलासा किया जा चुका है। तस्करी में संलिप्त लोगों की तहकीकात की जा रही है।
पढ़ें-उत्तराखंड: भू-अधिग्रहण पर ग्रामीण क्षेत्रों में दोगुना मुआवजा
राज्य------------------ बाल उत्पीड़न के मामले
महाराष्ट्र-------------- 13921
मध्य प्रदेश----------- 12859
उत्तर प्रदेश----------- 11420
पश्चिम बंगाल---------- 4963
छत्तीसगढ़-------------- 4469
कर्नाटक------------------ 4469
राजस्थान----------------- 3689
गुजरात-------------------- 3623
हरियाणा------------------- 3262
असोम---------------------- 2835
तेलंगाना-------------------- 2697
तमिलनाडु------------------ 2617
ओडिशा--------------------- 2562
केरल----------------------- 2384
आंध्र प्रदेश---------------- 1992
बिहार---------------------- 1917
पंजाब---------------------- 1836
उत्तराखंड------------------- 635
हिमाचल प्रदेश-------------- 477
झारखंड---------------------- 406
जम्मू-कश्मीर---------------- 308
मेघालय----------------------- 257
त्रिपुरा------------------------- 255
गोवा--------------------------- 242
मिजोरम---------------------- 186
मणिपुर----------------------- 110
अरुणाचल प्रदेश------------- 181
सिक्किम----------------------- 64
नगालैंड------------------------- 61
पढ़ें: गेस्ट टीचरों के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।