Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोरोना की फर्जी जांच रिपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग चुप, दूसरे राज्यों से Fake Report के साथ उत्तराखंड पहुंच रहे लोग

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Sun, 18 Jul 2021 03:29 PM (IST)

    Covid 19 Fake Report उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से आने वाले व्यक्तियों या पर्यटकों को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही प्रवेश ही अनुमति है। सरकारी मशीनरी का यह प्रयास अन्य राज्यों के मुकाबले काफी सराहनीय है।

    Hero Image
    कोरोना की फर्जी जांच रिपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग चुप।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। Covid 19 Fake Report उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से आने वाले व्यक्तियों या पर्यटकों को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही प्रवेश ही अनुमति है। सरकारी मशीनरी का यह प्रयास अन्य राज्यों के मुकाबले सराहनीय है। मगर, इसका दूसरा पहलू न सिर्फ शिथिल है, बल्कि नियमों की औपचारिकता पूरी करने वाला दिख रहा है, क्योंकि जो व्यक्ति कोरोना की फर्जी निगेटिव रिपोर्ट लेकर दाखिल हो रहे हैं, उन पर कार्रवाई करने से स्वास्थ्य विभाग बच रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दून में ही रोजाना करीब 50 व्यक्ति कोरोना की फर्जी निगेटिव रिपोर्ट के साथ पकड़े जा रहे हैं। यह आंकड़ा महज आशारोड़ी चेकपोस्ट का है। फर्जी रिपोर्ट के साथ दून की सीमा में प्रवेश कर रहे व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई करने की जगह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सिर्फ उनकी कोरोना जांच करा रहे हैं। चेकपोस्ट पर तैनात चिकित्सकों व अन्य कार्मिकों की टीम सिर्फ कोरोना जांच तक सीमित है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की तरफ से कानूनी कार्रवाई के निर्देश उन्हें दिए ही नहीं गए हैं।

    अब तक फर्जी रिपोर्ट पर जो गिने-चुने मुकदमे दर्ज भी किए गए हैं, वह पुलिस ने अपने स्तर पर किए हैं। यदि स्वास्थ्य विभाग ऐसी रिपोर्ट की शिकायत पुलिस से करे तो सख्त कार्रवाई की संख्या बढ़ सकती है। जब कोरोना की तीसरी लहर की आशंका निरंतर गहरा रही है, तब स्वास्थ्य विभाग का इस तरह तरह का नर्म रवैया ठीक नहीं है। बेशक पर्यटकों के प्रति नरम रुख होना भी चाहिए, मगर जब समाज की सुरक्षा का सवाल हो, तब सख्त कदम उठाने से परहेज नहीं करना चाहिए।

    कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच के बीच दूसरी लहर का संक्रमण मंद पड़ रहा है और यही कारण है कि पर्यटक अब नियमों को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे। ऐसे संवेदनशील समय में सरकारी मशीनरी को अधिक गंभीरता के साथ काम करना होगा। अन्यथा दूसरी लहर की रोकथाम के लिए अब तक जो अथक प्रयास किए गए हैं, उन सब पर पानी फिर सकता है। वैसे भी विशेषज्ञ संभावित तीसरी लहर को अधिक घातक मान रहे हैं और दूसरी लहर का खराब अनुभव हमारे सामने आ चुका है।

    यह भी पढ़ें- कहीं घूमने का शौक न पड़ जाए भारी, फर्जी रिपोर्ट दिखा पर्यटक मसूरी जाने की कर रहे कोशिश, 50 और मामले आए पकड़ में

    comedy show banner
    comedy show banner