आपदा से निपटने को उत्तराखंड ने कसी कमर, सोमवार को पांच जिलों में होगा माक ड्रिल
देहरादून में आगामी मॉक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की गई। हरिद्वार देहरादून समेत पांच जिलों में बाढ़ प्रबंधन को लेकर अभ्यास किया जाएगा। सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि इस वर्ष अधिक वर्षा का अनुमान है इसलिए विभागों को तैयार रहना होगा। आपदा से निपटने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है और रिस्पांस टाइम को कम किया गया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। आगामी सोमवार को हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल और चंपावत जनपदों में बाढ़ प्रबंधन को लेकर माक ड्रिल आयोजित की जाएगी। शनिवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में टेबल टाप एक्सरसाइज के माध्यम से इस माक ड्रिल की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।
माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदा प्रबंधन की तैयारियों को लेकर समय-समय पर अभ्यास किया जा रहा है। शनिवार को आयोजित बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान है। बाढ़, जलभराव एवं अन्य आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विभागों के बीच समन्वय, उपकरणों के उपयोग और त्वरित प्रतिक्रिया की तैयारी अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि आपदा का सामना करने में सबसे जरूरी है आपदा पूर्व तैयारी। माक ड्रिल का उद्देश्य वास्तविक परिदृश्यों में विभागों की तत्परता, समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता की जांच करना है। बैठक में डीआइजी राजकुमार नेगी, अपर सचिव विनीत कुमार, संयुक्त सचिव एनएस डुंगरियाल, ड्यूटी आफिसर विजय कुमार, एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट राजू एस धपोला, एसडीआरएफ डिप्टी कमांडेंट शुभांक रतूड़ी, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
आइआरएस प्रणाली और टास्क फोर्स का गठन
सचिव वीके सुमन ने बताया कि प्रदेश में घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आइआरएस) को अधिसूचित कर दिया गया है, जिसके तहत राज्य से लेकर तहसील स्तर तक अधिकारियों की भूमिका स्पष्ट की गई है। सभी जनपदों को निर्देशित किया गया है कि वे तहसील स्तर पर टास्क फोर्स का गठन करें ताकि राहत, पुनर्निर्माण और सहायता वितरण जैसे कार्यों को त्वरित गति से अंजाम दिया जा सके।
रिस्पांस टाइम में सुधार और फूड एयर ड्राप अभ्यास
उन्होंने बताया कि राज्य का आपदा रिस्पॉन्स टाइम घटकर 12 मिनट हो गया है और अलर्ट अंतिम छोर तक पहुँचाने के प्रयास तेज़ किए गए हैं। इस बार मॉक ड्रिल के दौरान फूड पैकेट एयर ड्रॉप करने का भी अभ्यास किया जाएगा, ताकि संकट में फंसे लोगों तक सुरक्षित और समयबद्ध सहायता पहुंच सके।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।