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    Uttarakhand में पंजीकृत सीएचसी को क्रियाशील करने की तैयारी, समान नागरिक संहिता में है अहम रोल

    Updated: Sat, 28 Jun 2025 05:36 PM (IST)

    उत्तराखंड सरकार राज्य को डिजिटल बनाने की ओर अग्रसर है जिसके तहत सरकारी कार्य ऑनलाइन किए जा रहे हैं। सरकार सीएचसी को सक्रिय करने की तैयारी में है और पंजीकरण शुल्क भी बढ़ाया गया है। वर्तमान में लगभग 25 हजार पंजीकृत सीएचसी में से केवल आधे ही कार्यरत हैं। समान नागरिक संहिता के तहत पंजीकरण शुल्क में से सीएचसी को एक निश्चित राशि देने का निर्णय लिया गया है।

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    प्रदेश में पंजीकृत सीएचसी को क्रियाशील करने की तैयारी। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश सरकार अब डिजिटल उत्तराखंड की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसके तहत सभी सरकारी कार्यों और योजनाओं को आनलाइन किया जा रहा है। उद्देश्य यह की ग्रामीण क्षेत्रों तक आमजन को सीधे इनका लाभ मिल सके। इस कड़ी में अब सरकार प्रदेश में पंजीकृत सीएचसी को क्रियाशील करने की तैयारी कर है। इसके लिए अब पंजीकृत सीएचसी को प्रति पंजीकरण दिए जाने वाले मानदेय को भी बढ़ाया गया है।

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    प्रदेश में इस समय 24913 सीएचसी पंजीकृत हैं। इसके सापेक्ष 11965 ही इस समय क्रियाशील चल रहे हैं। इस समय प्रदेश सरकार की कई जनकल्याणकारी योजनाएं आनलाइन चल रही है। इनमें मिलने वाली सब्सिडी भी आनलाइन दी जा रही है। प्रदेश में समान नागिरक संहिता भी लागू हो चुकी है।

    इसमें विवाह पंजीकरण, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार के प्रकरण की सारी प्रक्रिया आनलाइन की जा रही है। प्रदेश के सुदरवर्ती क्षेत्रों में यह सारा कार्य ही सीएचसी के जरिये किया जाना है। ऐसे में सीएचसी का महत्व लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश में कहने को तो तकरीबन 25 हजार सीएचसी पंजीकृत हैं लेकिन इनके आधे भी इस समय क्रियाशील नहीं है।

    इसका एक प्रमुख कारण पर्वतीय क्षेत्राें में संचार सेवाओं की कमी होने के साथ ही सरकार योजनाओं के सापेक्ष सीएचसी को मिलने वाली राशि का बेहद कम होना है। इसे देखते हुए ही शासन ने विशेषकर समान नागरिक संहिता के पंजीकरण के लिए निर्धारित शुल्क में से एक नियत राशि सीएचसी को देने का निर्णय लिया गया है। साथ ही अब इन्हें अन्य सुविधाएं देने की भी तैयारी चल रही है।

    सचिव सूचना प्रौद्योगिकी नितेश कुमार झा का कहना है कि प्रयास किया जाएगा की जितने सीएचसी पंजीकृत हैं उनके सापेक्ष अधिक से अधिक क्रियाशील हों। इससे आमजन को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी रहेगी।