महिलाओं को आर्थिक सशक्तीकरण देगी 'महिला सारथी योजना', ट्रेनिंग-लाइसेंस और गाड़ी सबकी व्यवस्था करेगी सरकार
Mahila Sarthi Yojana उत्तराखंड सरकार की महत्वाकांक्षी पहल महिला सारथी योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने जा रही है। इस योजना के तहत प्रदेश की सड़कों पर महिला चालक व्यावसायिक यात्री वाहन चलाती दिखाई देंगी। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे देहरादून जिले से शुरू किया जा रहा है। महिला कल्याण की योजनाएं सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । Mahila Sarthi Yojana: महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए प्रदेश सरकार महत्वाकांक्षी पहल करने जा रही है। महिला सारथी परियोजना के अंतर्गत प्रदेश की सड़कों पर महिला चालक व्यावसायिक यात्री वाहन चलाती दिखाई देंगी। पायलट परियोजना के रूप में इसे देहरादून जिले से प्रारंभ किया जा रहा है।
शीर्ष प्राथमिकताओं में महिला कल्याण की योजनाएं
प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में महिला कल्याण की योजनाएं हैं। सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण को लेकर अब तक कई कदम उठाए जा चुके हैं। महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का कानून बन चुका है।
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महिला मंगल दलों को सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इस क्रम में अब आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को अब व्यावसायिक वाहनों के संचालन का अवसर भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को प्राथमिकता
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि सारथी परियोजना में ऐसी महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी, जो आर्थिक रूप से कमजोर, विधवा एवं परित्यक्ता हों।
परिवहन विभाग महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण देगा। उनके ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाएंगे। महिलाओं के लिए वाहन की व्यवस्था कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड और निर्भया योजना फंड से की जानी प्रस्तावित है। इसमें लाभार्थी महिला को पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा।
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वाहनों की नियमित होगी जीपीएस ट्रैकिंग
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि इन वाहनों के संचालन के लिए पूरी तरह व्यावसायिक मोबाइल एप बनाया जाएगा। इसमें यूजर इंटरफेस लगभग वैसा ही होगा, जैसा आजकल आनलाइन वाहन बुक करने वाली व्यावसायिक कंपनियों के एप में होता है।
महिला चालकों की सुरक्षा के दृष्टिगत वाहन में कई फीचर होंगे। इन वाहनों की जीपीएस ट्रैकिंग नियमित रूप से होगी, ताकि महिला चालक या सवारी में से किसी को भी सुरक्षा संबंधी समस्या होने पर शीघ्र सहायता मिल सके।
इस योजना में पुलिस और परिवहन विभाग सम्मिलित रहेंगे। इन विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ शीघ्र ही एक प्रस्तुतीकरण किया जाएगा । पायलट प्रोजेक्ट के लिए देहरादून में पहले ही महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
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