Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    पुलिस की तर्ज पर वन विभाग में भी मिलेगा सेवा पदक, फारेस्ट लाइन का भी होगा निर्माण

    Updated: Sat, 15 Feb 2025 08:18 PM (IST)

    Uttarakhand Forest Department उत्तराखंड वन विभाग में जल्द ही पुलिस की तर्ज पर सेवा पदक सम्मान शुरू किया जाएगा। वन एवं वन्यजीवों की रक्षा करने वाले फील्डकर्मियों के लिए पुलिस लाइन की तर्ज पर फारेस्ट लाइन का निर्माण भी होगा। वन्यजीव हमलों में शहीद होने वाले वन कर्मियों को वन शहीद का दर्जा देने और 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया।

    Hero Image
    Uttarakhand Forest Department: पुलिस लाइन की तर्ज पर फारेस्ट लाइन का निर्माण भी किया जाएगा। Jagran Graphic

    जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Forest Department: उत्तराखंड वन विभाग में भी जल्द पुलिस की तर्ज पर सेवा पदक सम्मान की शुरुआत की जा सकती है। इसके अलावा प्रदेश में वन एवं वन्यजीवों की रक्षा कर रहे फील्डकर्मियों के लिए पुलिस लाइन की तर्ज पर फारेस्ट लाइन का निर्माण भी किया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारतीय वन सेवा संघ उत्तराखंड के उक्त प्रस्तावों पर वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल ने सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही संघ की ओर से वन्यजीवों के हमलों में प्राण गंवाने वाले वन कर्मियों को वन शहीद का दर्जा और 25 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव भी रखा।

    शनिवार को भारतीय वन सेवा संघ उत्तराखंड के वार्षिक सम्मलेन का राजपुर रोड स्थित वन मुख्यालय स्थित मंथन सभागार में शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रतिभाग किया। इसके अलावा प्रमुख वन संरक्षक डा. धनंजय मोहन संघ के अध्यक्ष कपिल लाल सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व भारतीय वन सेवा के अधिकारी उपस्थित रहे।

    यह भी पढ़ें- Delhi-Dehradun Expressway पर बड़ा अपडेट, एलिवेटेड रोड खुलने के लिए अब और करना होगा इंतजार

    वन विभाग की भूमिका एवं योगदान पर की चर्चा

    सम्मेलन के पहले दिन भारतीय वन सेवा संघ के सदस्यों ने उत्तराखंड राज्य में वन प्रबंधन, वन्यजीव और जैव विविधता संरक्षण, पर्यावरण प्रबंधन, प्रदूषण निवारण, वाणिज्यिक वानिकी, जलागम प्रबंधन में वन विभाग की भूमिका एवं योगदान पर चर्चा की।

    वन मंत्री संघ के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के वन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए भारतीय वन सेवा के अधिकारियों की ओर से किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं।

    उन्होंने वन प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने, स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने और आधुनिक तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। सम्मेलन के दूसरे दिन प्रदेश के वन एवं पर्यावरण संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही वन विभाग के भविष्य के रोड मैप पर भी चर्चा जाएगी।

    यह भी पढ़ें- उत्‍तराखंड का मेरु पर्वत... जो सुनाता है कत्यूरी शासक, मल्ल व चंद राजवंश की गौरवगाथा

    संघ ने रखे तीन प्रस्ताव

    संघ की ओर से वन मंत्री के समक्ष तीन प्रस्ताव रखे गएद्। जिसमें उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिक को पुरस्कृत करने के लिए राज्यपाल उत्कृष्ट सेवा पदक, मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक एवं वन बल प्रमुख प्रतिष्ठित पदक प्रदान करने का अनुरोध किया गया।

    वन्यजीव हमलों में शहीद होने वाले वन कर्मियों को वन शहीद का दर्जा देने और 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया। इसके अलावा अग्रिम पंक्तियों के वन कर्मचारियों के लिए गढ़वाल (देहरादून क्षेत्र) और कुमाऊं (हल्द्वानी क्षेत्र) में एक-एक फारेस्ट लाइन स्थापित करने का अनुरोध किया गया।