उत्तराखंड में धार्मिक स्थलों, बाजारों व शोभा यात्रा मार्गों पर रहेगी विशेष नजर, चलाया जाएगा एंटी सेबोटेज चेक
उत्तराखंड में त्योहारी सीजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। धार्मिक स्थलों, बाजारों और संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाएगी। सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियों पर भी नजर रखी जाएगी। खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे। अफवाहों का खंडन किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। इस वर्ष 18 अक्टूबर को धनतेरस से लेकर एक नवंबर को इगास बगवाल तक त्योहारी सीजन है। इसे देखते हुए गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय व सभी जिलों को शांति व सुरक्षा व्यवस्था बनाने को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
कहा गया है कि राज्य के सभी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों, बाजारों, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन व शोभा यात्रा मार्गों पर विशेष नजर रखी जाएगी। इन स्थानों पर तोडफ़ोड़, नुकसान या बाधा पहुंचाने वाली गतिविधियों का पता लगाने के लिए समय समय पर एंटी सेबोटेज चेक भी चलाया जाएगा।
उत्तराखंड के सीमांत राज्य होने के कारण शासन यहां त्योहारों पर विशेष सतर्कता बरत रहा है। इस कड़ी में गृह विभाग ने सभी जिलों को शांति व सुरक्षा व्यवस्था के कड़े कदम उठाने को कहा है।
विशेष रूप से प्रदेश की मिश्रित आबादी वाले एवं सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र जैसे देहरादून के रायवाला, ऋषिकेश, हरिद्वार के कनखल, रुड़की, नैनीताल के हल्द्वानी, रामनगर, पौड़ी के सतपुली व कोटद्वार, ऊधमसिंह नगर के नानकमत्ता आदि क्षेत्रों में आयोजित होने वाले मेलों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
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इंटरनेट मीडिया पर भी रहेगी विशेष नजर
शासन ने सभी जिलों में शासन ने इंटरनेट मीडिया पर भी विशेष नजर रखने को कहा है। विशेष रूप से धार्मिक आपत्तिजनक टिप्पणियों, सांप्रदायिक प्रवृत्ति की पोस्ट व धार्मिक कट्टरपंथ पर लगातार नजर रखने को कहा गया है। स्पष्ट निर्देश दिए गए है कि सांप्रदायिक घटना एवं अन्य किसी दुर्घटना पर वरिष्ठ अधिकारी स्वयं घटनास्थल पर पहुंचकर आगे की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। साथ ही इंटरनेट मीडिया में यदि कोई अफवाह फैलती है तो उसका भी खंडन किया जाना है।
थूक जिहाद पर रहेगी नजर
प्रदेश में खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर भी नजर रखेगा। इसके लिए सत्यापन अभियान के साथ ही व्यवसायिक रसोइयों में सीसी कैमरे का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि सांप्रदायिक सद्भाव न बिगड़े और त्वरित कार्रवाई की जा सके।
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