उत्तराखंड में भारी बारिश से हाहाकार, हाई अलर्ट पर ऊर्जा निगम; कार्मिकों के अवकाश पर रोक
उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते ऊर्जा निगम हाई अलर्ट पर है। देहरादून में 24 घंटे आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जहां से राज्य के सभी जिलों की विद्युत आपूर्ति की निगरानी की जा रही है। धराली में बिजली आपूर्ति सुचारू करने के लिए टीमें केबल बिछाने में जुटी हैं। निगम ने लोगों से आपात स्थिति में 1912 पर संपर्क करनेअफवाहों से बचने की अपील की है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी वर्षा मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए ऊर्जा निगम में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। प्रदेशभर में विद्युत आपूर्ति को सुचारु बनाए रखने के लिए आपदा प्रबंधन मोड में काम किया जा रहा है।
ऊर्जा भवन देहरादून में 24 घंटे संचालित विशेष आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जहां से राज्य के सभी जिलों की विद्युत आपूर्ति की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा उत्तरकाशी के धराली में बिजली आपूर्ति के लिए टीमें हर्षिल और भटवाड़ी से पृथक केबिलिंग तैयार करने में जुट गई हैं।
प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने ऊर्जा निगम के समस्त अभियंताओं, अधिकारियों और कर्मचारियों को हाई अलर्ट मोड में कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि किसी भी आपदा या आपातकालीन स्थिति में उपभोक्ताओं को न्यूनतम समय में विद्युत आपूर्ति बहाल की जाए। ऊर्जा निगम ने आमजन से आग्रह किया है कि गीले या क्षतिग्रस्त विद्युत पोल, नंगे तारों या ट्रांसफार्मर के संपर्क से बचें।
किसी भी आपात स्थिति की तत्काल सूचना नजदीकी कार्यालय या 1912 पर दें। साथ ही, इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं से बचें और अफवाह न फैलाएं। प्रबंध निदेशक अनिल कुमार स्वयं आपदा नियंत्रण कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें कर रहे हैं।
आपदा प्रबंधन के तहत उठाए गए प्रमुख कदम
- विशेष आपदा नियंत्रण कक्ष: ऊर्जा भवन मुख्यालय में स्थापित इस कक्ष की निगरानी अधीक्षण अभियंता (परिचालन) मयूर देव की ओर से की जा रही है। आपात स्थिति में उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 7579179109 या टोल फ्री 1912 पर संपर्क कर सकते हैं।
- संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष तैयारी: उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी और अल्मोड़ा जैसे भूस्खलन व अतिवृष्टि संभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त स्टाफ एवं संसाधनों की तैनाती की गई है।
- आपात विद्युत बहाली दल: अति संवेदनशील स्थानों पर आपातकालीन विद्युत बहाली टीमों को आवश्यक उपकरणों के साथ तैनात किया गया है।
- संचार व्यवस्था सुदृढ़: सभी 33/11 केवी उपकेंद्रों और जोनल नियंत्रण कक्षों में वायरलेस व मोबाइल कम्युनिकेशन सिस्टम को सक्रिय रखा गया है।
- सामग्री उपलब्धता: पूरे प्रदेश में आवश्यक विद्युत सामग्री जैसे कि केबल, कंडक्टर, पोल, ट्रांसफार्मर आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
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