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    उत्तराखंड के कर्मचारियों ने दीप जलाकर मांगी पुरानी पेंशन, कई संगठनों ने दिया समर्थन

    By Bhanu Prakash SharmaEdited By:
    Updated: Mon, 08 Jun 2020 10:36 AM (IST)

    प्रदेश के कर्मचारियों ने राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रत्येक जिले में अपने घरों पर दीपक जलाकर राज्य व केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की।

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    उत्तराखंड के कर्मचारियों ने दीप जलाकर मांगी पुरानी पेंशन, कई संगठनों ने दिया समर्थन

    देहरादून, जेएनएन। प्रदेश के कर्मचारियों ने राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रत्येक जिले में अपने-अपने घरों पर दीपक जलाकर राज्य व केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग की। कोरोना संकट के बाद भी राज्यव्यापी कार्यक्रम में तमाम कर्मचारी संगठनों व अधिकारी, शिक्षकों ने समर्थन दिया।

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    राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय संयोजक मिलिंद बिष्ट ने बताया कि दीपक जलाकर पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग रखते हुए कर्मचारियों ने कहा कि सरकार में एक दिन के लिए मंत्री बनने वाले को सरकार पेंशन देती है, जबकि कर्मचारी अपने जीवन के 25-30 वर्ष देने के बाद भी पेंशन का हकदार नहीं हैं। 

    कर्मचारियों ने कहा कि यह दीपक कर्मचारियों के प्रति नींद का ढोंग कर रही सरकार के खिलाफ जागृति की मशाल है। यदि समय रहते इस मांग पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो यह आंदोलन बन जाएगी।

    गढ़वाल मंडल सचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि बेहद कम समय में इस दीप अभियान को प्रदेशव्यापी बनाने में प्रांतीय संयोजक महिला प्रकोष्ठ निशा चौहान, सह संयोजक अनिल बडोनी, प्रांतीय सचिव देवेंद्र बिष्ट ने अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार में प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण भट्ट व उपाध्यक्ष सौरभ नौटियाल का विशेष योगदान रहा।

    कार्यक्रम में गढ़वाल से मंडल संरक्षक यशपाल सिंह रावत, मंडल अध्यक्ष जयदीप रावत, उपाध्यक्ष प्रदीप जुयाल, कुमाऊं से आलोक पांडे, विजय गोस्वामी, रज्जन कफलटिया, राजेंद्र शर्मा, त्रिभुवन विष्ट, धनसिंह कोश्यारी, दया जोशी, कपिल पांडे. रविशंकर गुसांई ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

    जनरल-ओबीसी एसी अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई बर्दाश्त नहीं 

    उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई की गई, तो उसे बर्दाश्त नही किया जाएगा। एसोसिएशन ने कहा, बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली के लिए किया गया आंदोलन किसी व्यक्ति या समाज के विरुद्ध नही था, वह लड़ाई कर्मचारियों के हित के लिए थी।

    ऐसे में सरकार दीपक जोशी पर दर्ज मुकदमे का जल्द से जल्द निस्तारण करे। अन्यथा कमर्चारी फिर से आंदोलन करेंगे। एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कहा कि दीपक जोशी पर परेड ग्राउंड में आंदोलन के दौरान हुई सभा में कुछ लोगों ने वर्ग विशेष पर टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। जबकि ऐसी कोई बात नही कही गई थी, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे। 

    पता चला है कि कुछ लोग इसे मुद्दा बनाकर कर्मचारियों के बीच मतभेद पैदा करना चाहते हैं। एसोसिएशन के पदाधिकारियों से मंत्रणा के बाद तय किया गया कि यदि आंदोलन के दौरान की किसी घटना को लेकर व्यक्तिगत प्रतिशोध की भावना से प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई की गई तो प्रदेश के समस्त काíमक एकजुट होकर इसका जवाब देंगे।

    उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान एसोसिएशन द्वारा किसी प्रकार का सामाजिक वैमनस्य नही फैलाया गया। अपितु मात्र अपने हक की लड़ाई के लिए संघर्ष किया गया। एसोसिएशन सरकार से मांग करती है कि ऐसे सभी झूठे एवं बेबुनियाद मुकदमों को समाप्त कराया जाए।

    स्वजल के सभी 304 पदों पर सेवा विस्तार की मांग 

    स्वजल कर्मचारी संघ ने विभाग में सृजित सभी 304 पदों पर सेवा विस्तार की मांग की है। इस संबंध में वित्त विभाग से आख्या मांगी गई है, जिसके बाद ही सेवा विस्तार पर कोई निर्णय होना है।

    प्रदेश महामंत्री अरविंद पयाल ने बताया कि स्वजल विभाग में सृजित 304 पदों में से 160 पदों पर तो वित्त विभाग की ओर से सहमति दे दी गई थी, लेकिन शेष 104 पदों पर अभी वित्त विभाग ने कार्मिकों के कार्यो, दायित्वों के पुनरीक्षण को आख्या मांगी है। जिसके अध्ययन के बाद ही सेवा विस्तार पर निर्णय होना है। 

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    ऐसे में कर्मचारी संघ ने स्वजल निदेशालय व राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन को पत्र लिख वित्त विभाग को आख्या भेजने की मांग की है। ताकि 104 कार्मिकों को भी जल्द सेवा विस्तार का लाभ मिल सके। बताया कि यह मामला बीते 10 माह से लंबित है। जबकि, इससे पहले भी वित्त विभाग आख्या मांग चुका है। अब संघ ने अनुरोध किया है कि जिस प्रकार वित्त विभाग ने 160 कर्मचारियों के सेवा विस्तार पर सहमति जताई, उसी प्रकार शेष कार्मिकों को भी सेवा विस्तार दिया जाए।

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