Uttarakhand Election: आधी आबादी को साधने में जुटे सरकार और भाजपा संगठन, कुछ महीनों बाद होने हैं चुनाव
Uttarakhand Election 2022 विधानसभा चुनाव में अब जबकि काफी कम वक्त रह गया है तो प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार और पार्टी संगठन दोनों ही आधी आबादी को साधने में जुट गए हैं। भाजपा और संगठन आधी आबादी को साधने में जुटे हैं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Election 2022 अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब जबकि काफी कम वक्त रह गया है तो प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार और पार्टी संगठन दोनों ही आधी आबादी को साधने में जुट गए हैं। सरकार ने जहां हाल में ही मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना, महिला समूहों को ब्याजरहित ऋण, कोरोनाकाल में समूहों को हुए नुकसान के मद्देनजर आर्थिक सहायता जैसे कदम उठाए हैं, वहीं पार्टी संगठन ने सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में सह प्रभारी के रूप में महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपी है।
उत्तराखंड की अब तक की मतदाता सूची पर नजर दौड़ाएं तो यहां 4165814 पुरुष और 3743056 महिला मतदाता हैं। प्रदेश की कुछ विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक हैं, जबकि कुछ में पुरुष व महिलाओं की संख्या में एक हजार से भी कम का अंतर है। यही नहीं, पिछले चुनावों के अनुभव बताते हैं कि मताधिकार का प्रयोग करने में भी आधी आबादी पुरुषों से ज्यादा जागरूक है। अब जबकि विधानसभा चुनाव सिर पर हैं तो सरकार और भाजपा संगठन ने महिला मतदाताओं पर फोकस किया है।
पर्वतीय क्षेत्र में महिलाओं के सिर से पशुचारा जुटाने का बोझ कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। असल में पहाड़ में पशु चारा जुटाने में महिलाओं का सबसे अधिक वक्त जाया होता है। जंगल में घास काटने अथवा लाते वक्त महिलाएं दुर्घटनाओं का शिकार भी होती हैं। ऐसे में योजना के तहत दो रुपये प्रति किलो की दर से पशु चारा घर पर उपलब्ध कराना शुरू कर दिया गया है।
इसके अलावा राज्य के करीब 20 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों को कोरोनाकाल में हुए नुकसान के मद्देनजर छह माह तक दो-दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी रही है। समूहों को स्वरोजगार के लिए शून्य ब्याज दर पर पांच लाख रुपये तक के ऋण मुहैया कराए जा रहे हैं। प्रदेश में 20066 आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकत्र्ताओं एवं सहायिकाओं को भी सहायता राशि दी जा रही है। अब उनका मानदेय बढ़ाने की तैयारी है।
प्रदेश भाजपा ने सांगठनिक स्तर पर सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं को सह प्रभारी के रूप जिम्मेदारी सौंपी है। बूथ स्तर तक महिला मतदाताओं से संपर्क के लिए महिला नेताओं को दायित्व दिए गए हैं तो उन्हें बाकायदा पन्ना प्रमुख तक की जिम्मेदारी दी जा रही है। अब देखने वाली बात ये होगी कि सरकार और भाजपा संगठन की ये मुहिम कितना रंग जमा पाती हैं। इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।
इन क्षेत्रों में ज्यादा हैं महिला मतदाता
केदारनाथ, पिथौरागढ़, डीडीहाट, धारचूला व द्वारहाट विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पुरुषों की अपेक्षा महिला मतदाता अधिक हैं। इसके अलावा कोटद्वार, पौड़ी, चौबट्टाखाल, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग व कपकोट में महिला व पुरुष मतदाताओं के मध्य एक हजार से भी कम का अंतर है।
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