उत्तराखंड में कोरोना ने खड़ा किया चुनौतियों का पहाड़, बीते हफ्ते छह गुना रफ्तार से बढ़े मामले
उत्तराखंड में कोरोना ने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया है। पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में कोरोना के मामले छह गुना रफ्तार से बढ़े हैं।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना ने उत्तराखंड में मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया है। पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में कोरोना के मामले छह गुना रफ्तार से बढ़े हैं। बल्कि हर दिन औसतन करीब 21 मरीज सामने आए हैं। मैदान से लेकर पहाड़ तक प्रदेश के सभी तेरह जिले अब इस बीमारी की जद में हैं। उस पर शनिवार को एक दिन में आए 92 मामलों ने सरकार से लेकर शासन-प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। जिस तेजी से मामले बढ़े हैं सरकारी सिस्टम को न केवल इस स्थिति से निपटने को कारगर रणनीति बनानी होगी बल्कि तैयारियों की भी नए सिरे से समीक्षा की जरूरत पड़ेगी। पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं की जो स्थिति है उसने भी चिंता बढ़ा दी है। देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर तक तो ठीक था, पर पर्वतीय जिलों में जिस तेजी से मामले बढ़े हैं, उसने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा कर दिया है।
बता दें, बीती 15 मार्च को प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला आया था। विदेश के शैक्षणिक टूर से लौटे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन सेवा अकादमी के एक प्रशिक्षु आइएफएस में कोरोना की पुष्टि हुई थी। इसके बाद संक्रमित मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ता गया। पहले दो सप्ताह में कोरोना के जो छह मामले आए उनकी ट्रेवल हिस्ट्री विदेश से जुड़ी हुई रही, लेकिन तीसरे सप्ताह यानी 29 मार्च से चार अप्रैल के बीच कोरोना के केस अचानक बढ़ने लगे। वह इसलिए कि इस दौरान दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज वह अन्य जगह तब्लीग में शामिल होकर कई लोग देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी, यूएसनगर, रुद्रपुर आदि जगह लौटे।
जमातियों के साथ ही उनके संपर्क में आए कई लोग भी कोरोना पॉजिटिव मिले। पर यह मामले सिर्फ चार मैदानी जनपदों तक सीमित रहे। अगले चार सप्ताह के दौरान कोरोना के मामलों में फिर कमी आने लगी। यही नहीं अस्पतालों में भर्ती मरीज भी हर अंतराल बाद स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होते रहे।एक बारगी ऐसा भी लग रहा था कि उत्तराखंड कोरोना संकट से पार पा लेगा, लेकिन लॉकडाउन-3 में मिली छूट के बाद सैकड़ों की संख्या में प्रवासियों की वापसी होने लगी।
उसी रफ्तार से कोरोना के मामले भी बढ़ने लगे। पर अब एकाएक विकट स्थिति पैदा हो गई है। तीन मई से 16 मई के बीच प्रदेश में जहां 32 नए मामले आए थे। बीते सात दिन में पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं। पिछले सात दिन के भीतर प्रदेश में 153 नए मामले आए हैं। ऐसे में न केवल प्रदेश सरकार बल्कि सरकारी मशीनरी के लिए भी यह चिंतन-मनन का वक्त है।
हर हफ्ते यूं बढ़े मरीज
सप्ताह संक्रमित मरीज
15 मार्च से 21 मार्च 03
22 मार्च से 28 मार्च 03
29 मार्च से चार अप्रैल 16
5 अप्रैल से 11 अप्रैल 13
12 अप्रैल से 18 अप्रैल 07
19 अप्रैल से 25 अप्रैल 06
26 अप्रैल से दो मई 11
तीन मई से 9 मई 08
10 मई से 16 मई 24
17 मई से 23 मई 153
सैंपलिंग की स्थिति
सप्ताह संक्रमित मरीज
15 मार्च से 21 मार्च 110
22 मार्च से 28 मार्च 258
29 मार्च से चार अप्रैल 378
5 अप्रैल से 11 अप्रैल 629
12 अप्रैल से 18 अप्रैल 1377
19 अप्रैल से 25 अप्रैल 1719
26 अप्रैल से दो मई 2374
तीन मई से 9 मई 1881
10 मई से 16 मई 2355
17 मई से 23 मई 4913