उत्तराखंड के लोगों के लिए बड़ी राहत! दिल्ली के लिए पहले की तरह सुचारु रहेगा बसों का संचालन
उत्तराखंड के लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब उत्तराखंड से दिल्ली के लिए बसों का संचालन पहले की तरह सुचारु रहेगा। दिल्ली में पुरानी डीजल बसों प ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, देहरादून। बढ़ते प्रदूषण के दृष्टिगत दिल्ली में पुरानी डीजल बसों पर गुरुवार सुबह से लगने वाले प्रतिबंध पर बुधवार शाम सुप्रीम कोर्ट की रोक से उत्तराखंड परिवहन निगम को राहत मिल गई है।
वर्तमान में परिवहन निगम की दिल्ली मार्ग पर संचालित 540 बसों में से 192 बीएस-4 श्रेणी की डीजल बसें हैं। ये सभी बसें प्रतिबंध के दायरे में आ रही थीं। बुधवार को भी परिवहन निगम ने इनकी संख्या में कटौती कर दिल्ली संचालन किया, ताकि बसों के चालान या सीज होने जैसी स्थिति न आए।
निगम प्रबंधन बुधवार शाम तक चिंता में दिखाई दे रहा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी मिलते ही निगम को राहत मिल गई। साथ ही यात्रियों के सामने आने वाली परेशानी भी टल गई। दिल्ली मार्ग पर उत्तराखंड से 40 से 50 हजार यात्री प्रतिदिन आवागमन करते हैं।
दिल्ली सरकार पिछले चार वर्षों से प्रदूषण नियंत्रण को लेकर दिल्ली में डीजल बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध की तैयारी कर रही थी। इसके लिए उत्तराखंड परिवहन निगम समेत सभी राज्यों के परिवहन निगम को वर्ष 2021 से पत्र भेजे जा रहे हैं, जिनमें एक अक्टूबर से बीएस-3 व बीएस-4 डीजल बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध की चेतावनी दी गई थी।
हालिया अगस्त में भी दिल्ली सरकार ने चेतावनी पत्र भेजा था, लेकिन उत्तराखंड परिवहन निगम प्रबंधन ने गंभीरता नहीं दिखाई। हालांकि, त्योहारी सीजन व राज्य सरकार के आग्रह के बाद दिल्ली सरकार ने बसों के प्रवेश को सशर्त छूट दी थी। इसी बीच दिल्ली का प्रदूषण उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिस पर दिल्ली सरकार ने गुरुवार से सभी पुरानी बीएस-4 बसों व अन्य वाहनों को दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश दिया हुआ था।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई कर नया आदेश दे दिया, जिससे 10 साल तक पुराने डीजल के बीएस-4 और 15 साल तक पुराने पेट्रोल बीएस-4 वाहनों को राहत दे दी गई।
वोल्वो को लेकर नहीं टूट रही निंद्रा
परिवहन निगम के लिए सुपर डीलक्स वोल्वो बसें किसी वरदान से कम नहीं हैं। ये बसें ऑनलाइन टिकट में अक्सर पैक रहती हैं और सर्वाधिक वोल्वो का संचालन भी दिल्ली मार्ग पर हो रहा। निगम के पास वर्तमान में 53 वोल्वो बसें हैं। जिनमें अकेले देहरादून से 23 बसें दिल्ली मार्ग पर चलती हैं।
चिंता की बात यह है कि इनमें से केवल 12 बसें ही बीएस-6 श्रेणी की हैं, जबकि शेष बसें बीएस-4 हैं। दिल्ली में प्रतिबंध की सूरत में केवल 12 ही बसें जा सकती हैं। यह बसें मेरठ एक्सप्रेस-वे से नोएडा होकर नॉन-स्टाप दिल्ली जाती हैं और उच्च वर्ग के यात्री इन्हीं में यात्रा करना पसंद करते हैं। इसके बावजूद परिवहन निगम नई बीएस-6 वोल्वो बसों को लेकर निंद्रा से बाहर नहीं आ रहा है।
अपनी केवल 130 बसें दिल्ली के लिए अनुमन्य
परिवहन निगम के पास अपनी केवल 130 बीएस-6 डीजल बसें ही ऐसी हैं, जो प्रतिबंध की स्थिति में दिल्ली जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त प्रतिबंध में दिल्ली जाने के लिए अनुमन्य बसों में सभी बसें अनुबंधित हैं। इनमें 190 अनुबंधित सीएनजी और शेष अनुबंधित बीएस-6 डीजल बसें हैं।
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प्रदूषण प्रमाण-पत्र साथ रखना अनिवार्य
निगम प्रबंधन ने दिल्ली जाने वाली सभी बसों में प्रदूषण जांच का प्रमाण-पत्र अनिवार्य कर दिया है। इसके बिना बस को दिल्ली न भेजने के आदेश दिए गए हैं। सभी डिपो प्रबंधकों को बसों के प्रदूषण प्रमाण-पत्रों की जांच को कहा गया है।
बुधवार को दिल्ली के लिए बीएस-4 बसों की संख्या में कुछ कटौती कर संचालित किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद अब दिल्ली के लिए पहले की तरह बसों का सुचारु संचालन किया जा रहा। निगम के पास 10 साल से अधिक पुरानी कोई बस नहीं है, जिसे दिल्ली भेजा जाता हो।
सुरेश चौहान, मंडल प्रबंधक, उत्तराखंड परिवहन निगम

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