Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand Budget: कर राजस्व से जुटाएंगे 26 हजार करोड़ रुपये, बढ़ते खर्चों की प्रतिपूर्ति करने की चुनौती

    Updated: Sun, 16 Feb 2025 09:20 PM (IST)

    Uttarakhand Budget प्रदेश के सामने सबसे बड़ी चुनौती वेतन भत्ते पेंशन मजदूरी के रूप में गैर विकास मदों पर बढ़ने खर्च से पार पाने की है। उत्तराखंड सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष में कर राजस्व से 26 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। एसजीएसटी आबकारी स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन के साथ ही खनन से अधिक आय की उम्मीदें बंधी हैं।

    Hero Image
    Uttarakhand Budget: उत्‍तराखंड सीएम पुष्‍कर सिंह धामी। जागरण फाइल

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । Uttarakhand Budget: उत्तराखंड के लिए अभी अपनी स्वयं की आय के बल पर सभी खर्चों की प्रतिपूर्ति दूर की कौड़ी है। केंद्र से मिलने वाली सहायता और 15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के आधार पर अनुदान के बूते वेतन, भत्ते और पेंशन के भुगतान को लेकर हर महीने संकट की नौबत से कुछ हद तक राहत मिली है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आने वाले समय में यह खर्च और बढ़ने जा रहा है। इससे निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने स्वयं के कर राजस्व को बढ़ाने की पहल की है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में स्वयं के कर राजस्व से 26 हजार से अधिक धनराशि जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। एसजीएसटी, आबकारी, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन के साथ ही खनन से अधिक आय की उम्मीदें बांधी गई हैं।

    यह भी पढ़ें- उत्‍तराखंड का मेरु पर्वत... जो सुनाता है कत्यूरी शासक, मल्ल व चंद राजवंश की गौरवगाथा

    प्रदेश के सामने सबसे बड़ी चुनौती वेतन, भत्ते, पेंशन, मजदूरी के रूप में गैर विकास मदों पर बढ़ने खर्च से पार पाने की है।  राहत की बात यह है कि प्रदेश सरकार ने इस अवधि में स्वयं के कर राजस्व वृद्धि की। 2024-25 में स्वयं के कर राजस्व से 22,509 करोड़ प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया।

    3000 करोड़ से अधिक कर राजस्व जुटाने का रखा गया था लक्ष्य

    वित्तीय वर्ष समाप्त होने तक लक्ष्य से अधिक धनराशि प्राप्ति होने की उम्मीद है। कर राजस्व बढ़ाने के प्रयासों को सफलता मिलने से उत्साहित होकर इस लक्ष्य में नए वित्तीय वर्ष में 4000 करोड़ की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3000 करोड़ से अधिक कर राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा गया था।

    15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों पर अगले वित्तीय वर्ष तक मिलेगी सहायता प्रदेश सरकार को वित्तीय संकट से उबारने में 15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों की बड़ी भूमिका रही है। इनके आधार पर वर्ष 2025-26 तक सरकार को केंद्र से निर्धारित वित्तीय सहायता मिलती रहेगी।

    वर्ष 2020-21 से यह सहायता मिलनी प्रारंभ हुई थी। आयोग ने पहली बार राजस्व घाटा अनुदान के रूप में पांच वर्षों तक 28,147 करोड़ की धनराशि देने की राह तैयार की थी। केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ी। इसका परिणाम यह हुआ कि हर महीने वेतन-भत्ते व पेंशन देने के लिए ऋण लेने को विवश राज्य को विकास कार्यों के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध हो सकी।

    वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित किया गया कर राजस्व (धनराशि: करोड़ रुपये)

    • विभाग, कर राजस्व लक्ष्य
    • एसजीएसटी, 11833
    • वैट, 2779
    • स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन, 3091
    • आबकारी, 5060
    • खनन, 1500
    • परिवहन, 1767
    • वन, 720
    • ऊर्जा, 605

    प्रदेश में इस प्रकार है वेतन आदि पर खर्च

    • वित्तीय वर्ष, धनराशि (करोड़ रुपये)
    • 2018-19, 12900
    • 2019-20, 13,054
    • 2020-21, 13709
    • 2021-22, 14,511
    • 2022-23, 15883
    • 2023-24, 16638
    • 2024-25, 19582

    यह भी पढ़ें- Delhi-Dehradun Expressway पर बड़ा अपडेट, एलिवेटेड रोड खुलने के लिए अब और करना होगा इंतजार

    प्रदेश में पेंशन खर्च की स्थिति

    • वित्तीय वर्ष, धनराशि (करोड़ रुपये)
    • 2018-19, 5396
    • 2019-20, 5507
    • 2020-21, 6168
    • 2021-22, 6364
    • 2022-23, 7181
    • 2023-24, 7597
    • 2024-25, 8140

    प्रदेश में स्वयं के संसाधन से कर प्राप्ति (धनराशि-करोड़ रुपये) 

    • वर्ष, कर राजस्व
    • 2019-20, 11,513
    • 2020-21, 11,938
    • 2021-22, 14,176
    • 2022-23, 17,103
    • 2023-24, 19,245
    • 2024-25, 22,509