Uttarakhand Bharti Scam : छवि पर दाग न लगने देने की CM Dhami की मुहिम, मंत्रिमंडल में किया जा सकता है फेरबदल
ttarakhand Bharti Scam राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि नियुक्ति प्रक्रिया में शुचिता कायम करने की पहल के बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों को लेकर भी बड़ा कदम उठा सकते हैं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून : Uttarakhand Bharti Scam : पिछले एक महीने से चल रहे भर्ती विवाद के बीच अब सरकार ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की पांच परीक्षाओं को रद कर साफ संदेश दे दिया कि छवि पर दाग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
दूरगामी साबित होगा कैबिनेट का यह निर्णय
मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी के लगातार दो कार्यकाल की लगभग सवा साल की अवधि पर भर्ती में अनियमितताओं की आंच न आए, इस दृष्टिकोण से कैबिनेट का यह निर्णय दूरगामी साबित होगा।
साथ ही सात हजार पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से हटाकर राज्य संघ लोक सेवा आयोग को दिए जाने से यह भी स्पष्ट हो गया कि मुख्यमंत्री पारदर्शी व निष्पक्ष नियुक्ति प्रक्रिया सुनिश्चित करना चाहते हैं।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण के बाद से राज्य में भर्ती परीक्षाओं की शुचिता और निष्पक्षता को लेकर प्रश्न उठाए जाने लगे थे। विपक्ष ने भी इसे मुद्दा बनाने का प्रयास किया, लेकिन भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की नीति पर चल रही धामी सरकार ने तत्काल ही इन परीक्षाओं में गड़बड़ी की जांच एसटीएफ को सौंप दी। एसटीएफ अब तक 35 गिरफ्तारियां कर चुकी है।
दारोगा भर्ती में भी गड़बड़ी की शिकायत आई तो यह विषय जांच के लिए विजिलेंस को सौंप दिया गया। सरकार के इन कदमों से जनता के बीच बेहतर संदेश गया। सरकार ने ये भी साफ किया कि जहां भी गड़बड़ी की कोई शिकायत आएगी, उसकी जांच कराकर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। फिर चाहे वह किसी भी बड़े ओहदे पर क्यों न हो।
मंत्रिमंडल को लेकर उठाया जा सकता है बड़ा कदम
राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि नियुक्ति प्रक्रिया में शुचिता कायम करने की पहल के बाद अब मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों को लेकर भी बड़ा कदम उठा सकते हैं। असल में भर्ती परीक्षाओं के साथ ही विधानसभा के भर्ती प्रकरण पर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व लगातार नजर बनाए हुए है।
हाल में दो मंत्रियों के दिल्ली दौरे और केंद्रीय नेताओं से उनकी मुलाकात को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। इस सबको देखते हुए राजनीतिक गलियारों में यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल जैसा कदम उठा सकते हैं। दो-तीन मंत्रियों स्थान पर नए चेहरों के साथ ही मंत्रिमंडल में रिक्त चल रहे तीन पदों को भी भरा जा सकता है।
जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में विभिन्न राज्यों में विधानसभा होने हैं। इसके साथ ही भाजपा वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुट चुकी है। ऐसे में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व यह कतई नहीं चाहेगा कि राज्य से जुड़े किसी भी विषय पर विपक्ष को हावी होने का अवसर दिया जाए।

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