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Uttarakhand Assembly Election: भाजपा में दो दर्जन विधायकों के टिकट पर चल सकती है कैंची

विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतर चुकी भाजपा ने युवा उत्तराखंड युवा मुख्यमंत्री का नारा दिया है। ऐसे में माना जा रहा कि आगामी चुनाव में भाजपा नए चेहरों को तवज्‍जों दे सकती है। करीब दो दर्जन विधायक इस कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 03:00 AM (IST)
Uttarakhand Assembly Election: भाजपा में दो दर्जन विधायकों के टिकट पर चल सकती है कैंची
भाजपा में दो दर्जन विधायकों के टिकट पर चल सकती है कैंची।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतर चुकी भाजपा अपनी रणनीति में कोई कसर छोड़ने के पक्ष में नहीं है। पार्टी ने जमीनी स्तर के कार्यकर्त्‍ताओं को पूरी तरह मैदान में उतार दिया है तो टिकटों को लेकर भी माथापच्ची शुरू कर दी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पांच साल की परफार्मेंस के आधार पर विधायकों को कसौटी पर परखा जा रहा है। कसौटी पर खरा न उतरने वाले डेढ़ दर्जन विधायक पहले ही निशाने पर हैं। बदली परिस्थितियों में अब जबकि भाजपा ने 'युवा उत्तराखंड-युवा मुख्यमंत्री' का नारा दिया है तो वह नए चेहरों को मौका दे सकती है। माना जा रहा कि इस दायरे में लगभग आधा दर्जन उम्रदराज विधायक आ सकते हैं। यानी, आगामी चुनाव में पार्टी नए व जिताऊ चेहरों पर दांव खेल सकती है।

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उत्तराखंड में भाजपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में 70 में 57 सीटें जीतकर इतिहास रचा था। अब पार्टी के सामने ऐसा ही प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है। साथ ही भाजपा उस मिथक को तोड़ने पर ध्यान केंद्रित किए हुए है, जिसके मुताबिक हर पांच साल में यहां सत्ताधारी दल बदल जाता है। दोबारा से जनता का विश्वास हासिल करने के हिसाब से पार्टी ने अपनी फील्डिंग सजाई है तो विधायकों के कामकाज पर भी वह पैनी निगाह बनाए हुए है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जब अगस्त में उत्तराखंड दौरे पर हरिद्वार आए थे, तब हुई पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में भी विधायकों के कामकाज पर चर्चा हुई थी। तब डेढ़ दर्जन विधायकों के प्रदर्शन से पार्टी नेतृत्व संतुष्ट नहीं था। इनका आकलन विधानसभा क्षेत्र में मौजूदगी, जनता से संपर्क समेत अन्य बिंदुओं के आधार पर किया गया। पार्टी अब भी कई चरणों में सर्वे और विधानसभा क्षेत्रों से फीडबैक के आधार पर विधायकों के कामकाज पर नजर रखे हुए है।

बदली परिस्थितियों में सरकार में दूसरी बार हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद पार्टी ने 'युवा उत्तराखंड-युवा मुख्यमंत्री' का नारा दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जुलाई में कमान संभालने के बाद लगातार सक्रिय हैं। युवाओं को रोजगार दिलाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। हाल ही में परिसंपत्तियों के बटवारे को लेकर वह कई प्रमुख मामलों का निस्तारण करा चुके हैं। इससे उनका कद भी बढ़ा है।

इस परिदृश्य के बीच पार्टी युवा और जिताऊ चेहरों को मौका दे सकती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी हाल में यह कह चुके हैं कि चुनाव में टिकट का पैमाना परफार्मेंस होगा। साथ ही उन्होंने युवाओं को तवज्‍जो दिए जाने की बात कही थी। इस बीच विधानसभा की कई सीटों पर युवा दावेदार भी सामने आए हैं।

मदन कौशिक (प्रदेश अध्यक्ष भाजपा) ने कहा कि चुनाव के दृष्टिगत पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व सभी पहलुओं को ध्यान में रखता है। किसे टिकट देना है और किसे नहीं, यह निर्णय भाजपा का पार्लियामेंट्री बोर्ड करता है। भाजपा एक अनुशासित पार्टी है और जिसका टिकट तय होता है, सभी कार्यकर्त्‍ता उसकी जीत के लिए जुटते हैं।

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