उत्तराखंड विस सत्र: कांग्रेस ने पुख्ता तैयारी से सरकार को चौंकाया, इन मुद्दों को लेकर रही हमलावर
शीतकालीन सत्र में कांग्रेस ने अपनी पुख्ता तैयारी के बूते कई अवसरों पर सरकार को चौंकाया। पांचवीं विधानसभा के अंतिम सत्र में कांग्रेस ने बेरोजगारी महंगाई कानून व्यवस्था कोरोना काल में आम जन को होने वाली परेशानी को प्रमुखता से उठाया।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। विधानसभा के तीन दिनी शीतकालीन सत्र में कांग्रेस ने अपनी पुख्ता तैयारी के बूते कई अवसरों पर सरकार को चौंकाया। पांचवीं विधानसभा के अंतिम सत्र में कांग्रेस ने बेरोजगारी, महंगाई, कानून व्यवस्था, कोरोना काल में आम जन को होने वाली परेशानी को प्रमुखता से उठाया। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने इस मौके का उपयोग सरकार को घेरने के लिए किया।
कांग्रेस ने इस बार सदन में सरकार के खिलाफ मजबूत व्यूह रचना की। बेरोजगारी के मुद्दे पर सदन में दिए गए अलग-अलग आंकड़ों को आधार बनाकर कांग्रेस लगातार दो दिन सरकार पर हमलावर रही। पीठ से आंकड़ों का परीक्षण कराने के निर्देश के बाद ही कांग्रेस विधायक इस मसले पर अपने कदम वापस खीचने को राजी हुए। उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुद्दे पर सरकार विपक्ष के पास से हथियार छीन चुकी है। ऐसे में कांग्रेस ने विधानसभा के भीतर राजनीतिक रंग जमाने के लिए अलग रणनीति पर काम किया।
शीतकालीन सत्र को पांचवीं विधानसभा का अंतिम सत्र माना जा रहा है, ऐसे में कांग्रेस ने सरकार को ज्यादा से ज्यादा घेरने की कोशिश की। विपक्ष ने सत्तापक्ष के विधायकों के सदन जाहिर किए गए असंतोष का भी खुलकर समर्थन दिया। सदन के बाहर भी पार्टी के दिग्गज नेता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रहे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल सत्र के आखिरी दिन गैरसैंण पहुंचे। उन्होंने वहां धरना भी दिया। इसके बाद नेताद्वय ने देहरादून में भी विधानसभा के बाहर धरना दिया।
सदन के भीतर और बाहर कांग्रेस ने सक्रिय रहने में कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस विधानमंडल दल नेता व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पार्टी ने सदन के भीतर जनता के मुद्दों को उठाया। सरकार किसी भी मामले में सही जवाब देने से बचती नजर आई है। कांग्रेस जनता के बीच जाकर सरकार की असलियत सामने रखेगी।
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