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    उत्तराखंड में पर्वतारोहण, स्कीइंग और एमटीबी प्रशिक्षण को सरकार देगी प्रोत्साहन, बनाया गया मास्टर प्लान

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 10:40 AM (IST)

    उत्तराखंड सरकार साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को प्रशिक्षण शुल्क में प्रतिपूर्ति करेगी। पर्वतारोहण स्कीइंग और माउंटेन बाइकिंग जैसे प्रशिक्षणों के लिए सरकार ने राष्ट्रीय संस्थानों को चुना है। प्रशिक्षण के बाद युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनके कौशल का विकास होगा। यह योजना सितंबर 2026 तक चलेगी और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।

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    राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई समग्र योजना। जागरण

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में युवाओं को साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में भविष्य संवारने का सुनहरा अवसर मिलने जा रहा है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने पर्वतारोहण, स्कीइंग और माउंटेन टेरेन बाइकिंग (एमटीबी) प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना शुरू की है। इसके तहत युवाओं को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थानों से प्रशिक्षण लेने पर सरकार उनके प्रशिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति करेगी।

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    पर्यटन सचिव एवं उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने जानकारी दी कि युवाओं को साहसिक पर्यटन से जोड़ने और उन्हें इस क्षेत्र में कौशलयुक्त रोजगार के लिए तैयार करने के उद्देश्य से यह पहल की जा रही है।

    योजना के अंतर्गत वे प्रतिभागी, जिन्हें बेसिक या एडवांस कोर्स में अल्फा (ए) ग्रेड प्राप्त होगा, उन्हें कोर्स फीस की पूरी प्रतिपूर्ति की जाएगी। पर्यटन विभाग की यह पहल साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ उत्तराखंड के युवाओं के लिए नए आयाम खोलने का कार्य करेगी।

    प्रशिक्षण के लिए चयनित प्रतिष्ठित संस्थान 

    केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त छह प्रमुख संस्थानों को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है। इनमें नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी (उत्तराखंड), अटल बिहारी बाजपेयी पर्वतारोहण एवं स्कीइंग संस्थान मनाली (हिमाचल प्रदेश), हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल), जवाहर पर्वतारोहण संस्थान जम्मू एवं कश्मीर, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ स्की एंड माउंटेनियरिंग गुलमर्ग (जम्मू एवं कश्मीर), नेशनल इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनियरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्ट्स (अरुणाचल प्रदेश) शामिल हैं। इन संस्थानों में एक पाठ्यक्रम का शुल्क 25,000 से 30,000 तक होता है, जिसकी प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी। इससे उन युवाओं को विशेष लाभ होगा, जो सीमित संसाधनों के कारण प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर पाते थे।

    लाभार्थियों के लिए आवश्यक प्रक्रिया 

    योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए इच्छुक युवाओं को अपने स्तर पर चयनित संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद अल्फा ग्रेड का प्रमाण-पत्र एवं फीस भुगतान का प्रमाण संबंधित जिला पर्यटन विकास अधिकारी को प्रस्तुत करना होगा। अधिकारी द्वारा दस्तावेजों की जांच कर आवेदन को मुख्यालय देहरादून भेजा जाएगा, जिसके पश्चात कोर्स फीस की राशि सीधे अभ्यर्थी के खाते में भेजी जाएगी।

    सितंबर से मार्च 2026 तक प्रशिक्षण लेने वाले होंगे पात्र

    इस योजना के अंतर्गत सितंबर से मार्च 2026 तक किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी लाभान्वित हो सकेंगे। पर्यटन विभाग का मानना है कि यह प्रशिक्षण युवाओं के शारीरिक, मानसिक और तकनीकी विकास के साथ-साथ उन्हें ट्रेकिंग और पर्वतारोहण गाइड के रूप में रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगा।