चीन और नेपाल सीमा से सटे वाइब्रेंट विलेज बनेंगे मॉडल, ग्राम्य विकास मंत्री को भेजी गई 91 गांवों की प्रगति रिपोर्ट
उत्तराखंड में चीन और नेपाल की सीमा से लगे 91 गांवों को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। यह विकास केंद्र सरकार के वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत होगा। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी को इन गांवों की प्रगति रिपोर्ट सौंपी गई है। सरकार का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, रोजगार पैदा करना और पलायन को रोकना है। इसके लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। चीन और नेपाल की सीमा से सटे उत्तराखंड के उन 91 गांवों को माडल ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा, जो केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में सम्मिलित हैं।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी को बुधवार को ग्राम्य विकास आयुक्त ने इन गांवों की प्रगति रिपोर्ट सौंपी। मंत्री ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन, व्यापक प्रचार-प्रसार और समयबद्ध कार्यवाही पर जोर देते हुए सीमावर्ती गांवों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए।
कैबिनेट मंत्री जोशी ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण, आजीविका सृजन और पलायन रोकने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत इन सीमावर्ती गांवों को माडल गांव के रूप में विकसित कर वहां के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार, विभिन्न मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि चीन सीमा से सटे उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ जिलों के 51 गांवों में आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने, संपर्क मार्गों के निर्माण, स्थानीय संस्कृति एवं पर्यटन के प्रसार तथा आधुनिक सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा 520.13 करोड़ की कार्ययोजना केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई थीं।
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इनमें 110 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि राज्य को मिल गई है। उन्होंने बताया कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम 2.0 के तहत नेपाल सीमा से सटे चंपावत, पिथौरागढ़ व ऊधम सिंह नगर के 40 गांवों में आंकड़ों का एकत्रीकरण और सत्यापन कार्य चल रहा है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पिथौरागढ़ जिले में पीएमजीएसवाई की पांच सड़कों के निर्माण को 119.44 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।

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