Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तराखंड में 50 रोपवे परियोजनाएं चिह्नित, रोमांच के साथ इन सुविधाओं का उठा सकेंगे लाभ

    उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 50 रोपवे परियोजनाओं की पहचान की गई है। इन परियोजनाओं को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में पूरा करने के लिए उत्तराखंड रोपवेज डेवलपमेंट लिमिटेड नामक एक नई कंपनी बनाई जाएगी। यह कंपनी रोपवे परियोजनाओं के निर्माण में तेजी लाएगी और पर्यटन और तीर्थाटन को सुगम बनाएगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।

    By kedar dutt Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 17 May 2025 10:11 AM (IST)
    Hero Image
    उत्तराखंड में रोपवे परियोजना से आएगी क्रांति। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में आने वाले दिनों में रोपवे परियोजनाएं गति पकड़ेंगी। पर्यटन विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राज्य में 50 रोपवे परियोजनाएं चिह्नित की हैं। इनके क्रियान्वयन के लिए अब पर्यटन विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की कंपनी नेशनल हाइवेज लाजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के अंतर्गत एसपीवी के रूप में उत्तराखंड रोपवेज डेवलपमेंट लिमिटेड का गठन किया जाएगा। कैबिनेट ने पर्यटन विभाग के इस प्रस्ताव को स्वीकृति देने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राज्य में रोपवे परियोजनाओं का निर्माण पीपीपी मोड में किया जाना है। इसी के दृष्टिगत यह कंपनी गठित की जाएगी। इससे राज्य में रोपवे परियोजनाओं के निर्माण में तेजी आएगी। रोपवे बनने से पर्यटन व तीर्थाटन के क्षेत्र को बड़ी सहूलियत मिलेगी, वहीं स्थानीय निवासियों के लिए आवागमन की सुविधा सुलभ होगी।

    तपोवन-कुंजापुरी रोपवे तकनीकी परामर्श देगी बार्थाेलेट कंपनी 

    राज्य में पर्यटकों की बढ़ती संख्या और इसी अनुरूप सुविधाएं विकसित करने के लिए रोपवे परियोजनाओं के निर्माण पर सरकार ध्यान केंद्रित कर रही है। रोपवे निर्माण के लिए तकनीकी परामर्श लेने के लिए पूर्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों से एमओयू करने का निर्णय लिया गया था।

    इसे भी पढ़ें- उत्‍तराखंड में पानी का बिल जमा करने को लेकर बड़ा अपडेट, अब चार नहीं बल्कि इतने माह में भरना होगा Bill

    उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। जागरण


    बताया गया कि इस सिलसिले में बार्थाेलेट कंपनी ने सहमति दे दी है। उसके साथ एमओयू करने के पर्यटन विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकृति दी है। राज्य में चिह्नित रोपवे परियोजनाओं में से एक तपोवन (ऋषिकेश)-कुंजापुरी (नरेंद्रनगर) रोपवे में तकनीकी परामर्श के लिए इस कंपनी से एमओयू किया जाएगा। यह कंपनी रोपवे के डिजाइन, पर्यवेक्षण समेत अन्य कदम उठाएगी। डीपीआर बनने के बाद इस परियोजना पर काम शुरू होगा।

    स्वजल कर्मियों को मिलेगा नियमित वेतन 

    पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अंतर्गत संचालित राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन तथा परियोजना प्रबंधन इकाई, स्वजल में कार्यरत कर्मियों को एक मार्च 2021 से 31 मार्च 2026 तक नियमित रूप से वेतन मिलेगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।

    इसे भी पढ़ें- विजिलेंस की कार्रवाई से मची खलबली, चौकी में दारोगा की अलमारी से मिला इतना कैश दंग रह गए सभी

    पूर्व में स्वजल के संबंध में कोई निर्णय न होने के कारण इसमें कार्यरत कर्मियों के सामने वेतन का संकट खड़ा हो गया था। अब स्वजल की अवधि 31 मार्च 2026 तक बढ़ाई गई है। एक मार्च 2020 से पहले स्वजल कर्मियों को जो वेतन व मानदेय मिल रहा था, उसी के अनुरूप उन्हें भुगतान किया जाएगा।