उत्तराखंड: स्वास्थ्य मंत्री से मिला सकारात्मक आश्वसन, बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम ने स्थगित किया आंदोलन
उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत से मिले सकारात्मक आश्वासन के बाद बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम ने एक सप्ताह के लिए अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो वह दोबारा आंदोलन शुरू करेंगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत से मिले सकारात्मक आश्वासन के बाद बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम ने एक सप्ताह के लिए अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो वह दोबारा आंदोलन शुरू करेंगी।
ज्येष्ठता के आधार पर स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम बीती 12 जुलाई से धरना-प्रदर्शन कर रही थीं। कुछ दिन पहले उन्होंने मुख्यमंत्री आवास कूच भी किया। हालांकि, पुलिस ने कनक चौक पर बेरिकेडिंग लगाकर उन्हेंं आगे बढऩे से रोक दिया था। उत्तराखंड बेरोजगार प्रशिक्षित एएनएम संघ की प्रांतीय अध्यक्ष मधु जोशी के नेतृत्व में संघ का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री से मिला। उन्हें बताया कि वर्ष 2009 तक प्रशिक्षित एएनएम की नियमित नियुक्ति की जा रही थी।
वर्ष 2011 में नियमित नियुक्ति के लिए जारी विज्ञप्ति के समय से विभाग के त्रुटिपूर्ण नियमों और निर्णयों के अधीन नियुक्तियों से सामान्य वर्ग की अधिकांश प्रशिक्षित एएनएम वंचित रहीं। सामान्य वर्ग की नाराजगी दूर करने के लिए वर्तमान सरकार ने आठ मार्च 2018 को 380 पदों की विज्ञप्ति जारी की, लेकिन मामला कोर्ट पहुंच गया और विज्ञप्ति त्रुटिपूर्ण व नियमानुसार न होने के कारण प्रक्रिया निरस्त कर दी गई।
उसके बाद से अभी तक विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। वर्ष 2009 से वंचित अधिकांश अभ्यॢथयों की आयु 40-42 साल हो चुकी है। जिस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी मांग कर सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद संघ ने अगले एक सप्ताह के लिए आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया है।
चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी मुखर, स्वास्थ्य मंत्री से मिले
जागरण संवाददाता, देहरादून: चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) के प्रतिनिधिमंडल ने आंदोलन के द्वितीय चरण के तहत स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से मुलाकात की। अपनी मांगों के संबंध में उन्हें ज्ञापन सौंपा। स्वास्थ्य मंत्री ने जल्द उनकी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने कहा कि उद्यान विभाग के माली की भांति हाईस्कूल से कम शिक्षा वाले कर्मचारियों को टेक्नीकल घोषित किया जाए।
लैब सहायक, डार्करूम सहायक, ओटी सहायक, ड्रेसर आदि पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट पास कर्मचारियों की भांति 50 फीसद कोटे के तहत पदोन्नति का लाभ दिया जाए। नर्सेज संवर्ग की भांति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी पौष्टिक आहार भत्ता दिया जाए। जोखिम भत्ता दस लाख रुपये करने की मांग भी की। उन्होंने स्वास्थ्य मंंत्री को बताया कि ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेदिक चिकित्सालय के कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। उन्हें वेतन तक समय पर नहीं मिल रहा है।
सेवानिवृत्त कर्मियों के देयकों का भुगतान समय से नहीं किया जा रहा है। जीपीएफ, ईएसआइ का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस कारण कर्मचारी आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं। इसलिए कर्मचारियों का डीडीओ कोड बहाल किया जाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। ज्ञापन देने वालों में शिवनारायण सिंह, राकेश चंद्र, आशुतोष गैरोला, मनीष अनिल कुमार, राकेश भंवर जीत सिंह, अजय कुमार, महेश कुमार आदि शामिल रहे।
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