Uttarakhand News : भर्ती घोटाले के बाद UKSSSC के अध्यक्ष एस राजू ने दिया इस्तीफा, कहा- मेरा किसी नेता से नहीं है रिश्ता
UKSSSC Paper Leak Case उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने अपने पद से त्यागपत्र दिया है। उन्होंने कहा कि आयोग की पिछले महीने और पहले भी इस तरह के मामले सामने आए। जिसकी वह नैतिक जिम्मेदारी लेते है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : UKSSSC Paper Leak Case स्नातक स्तर की भर्ती परीक्षा में नकल और पेपर लीक का मामला उजागर होने से चर्चाओं में चल रहे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के अध्यक्ष एस. राजू ने शुक्रवार को त्यागपत्र दे दिया।
परीक्षा में हुई गड़बड़ी की नैतिक जिम्मेदारी ली
एस. राजू ने कहा कि परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ी की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया है। कार्यकाल पूरा होने से पहले त्यागपत्र देने वाले एस. राजू आयोग के दूसरे अध्यक्ष हैं। इससे पहले आयोग के प्रथम अध्यक्ष आरबीएस रावत ने भी ग्राम विकास अधिकारी के पदों की परीक्षा में हुई गड़बड़ी के बाद त्यागपत्र दे दिया था।
उधर, मुख्य सचिव डा. एसएस संधु ने एस. राजू का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है। इस घटनाक्रम के बाद आयोग की भविष्य में करीब सात हजार पदों के लिए होने वाली आठ भर्ती परीक्षाएं भी खटाई में पड़ गई हैं।
आयोग पर कोचिंग इंस्टीट्यूट और नकल माफिया का दबाव
शुक्रवार को थानो रोड स्थित आयोग के मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अध्यक्ष एस. राजू ने त्यागपत्र की घोषणा करने के साथ ही बड़ा रहस्योद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि चयन आयोग पर कोचिंग इंस्टीट्यूट और नकल माफिया का दबाव है।
वह यहीं नहीं रुके, सरकार को भी उन्होंने कठघरे में खड़ा किया। प्रश्न उठाया कि इस पूरे प्रकरण पर सरकार मौन क्यों है? एस. राजू ने कहा कि शिक्षा से जुड़े परीक्षा माफिया आयोग को अपनी गिरफ्त में लेना चाहते हैं। इसलिए वह आयोग को बदनाम कर रहे हैं।
नहीं चाहते कि आयोग परीक्षाओं को आनलाइन करवाए
उन्होंने यह कहकर चौंका दिया कि आयोग की भर्ती परीक्षा कोचिंग इंस्टीट्यूट माफिया के निशाने पर हैं। वह नहीं चाहते कि आयोग भर्ती परीक्षाओं को आनलाइन करवाए। यही माफिया पहले भर्ती परीक्षा में नकल को अंजाम देते हैं और पकड़े जाने पर आयोग को बदनाम करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार के कार्यों को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है।
उन्होंने नाम लिए बिना आयोग के एक पूर्व सदस्य का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की जानकारी है, लेकिन वह चुप्पी साधे हुए हैं। एस. राजू ने कहा कि वह पिछले कुछ समय से आहत हैं। कई लोग भर्ती परीक्षा में उनपर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं।
मेरे सिर पर किसी नेता का हाथ नहीं
अपनी बात रखते हुए भावुक हुए सेवानिवृत्त आइएएस ने कहा कि मेरे सिर पर किसी नेता का हाथ नहीं है, मैंने ईमानदारी और पूरी पारदर्शिता से उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं को आयोजित किया। सरकार चाहे तो उनकी संपत्ति की जांच करवा सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री के बयान पर जताई नाराजगी
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चयन आयोग को भंग करने संबंधी बयान पर नाराजगी जताई। कहा कि मेरे कार्यकाल में अब तक 88 भर्ती परीक्षाएं आयोजित की गईं, इनमें से तीन से चार परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आई। इनके पीछे भी नकल माफिया का हाथ रहा।
पुलिस को ऐसे माफिया पर कड़ी कार्रवाई कर उन्हें सलाखों के पीछे डालने चाहिए। उन्होंने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भर्ती को लेकर कई बार राजनीतिक दबाव भी आया, लेकिन उन्होंने इसे कभी स्वीकार नहीं किया।
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916 पदों के लिए कराई थी परीक्षा
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने राज्य सरकार के 13 विभागों के 916 स्नातक स्तर के पदों के लिए चार एवं पांच दिसंबर 2021 को भर्ती कराई थी। इसमें एक लाख 46 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परिणाम घोषित होने से पहले यह परीक्षा विवादों में आ गई थी।
अब तक 13 आरोपित गिरफ्तार
मुख्यमंत्री के आदेश पर उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ इस मामले की जांच कर रही है। अब तक जांच में कई चौंकाने वाले जानकारी सामने आई है। इसमें चयन आयोग के कर्मचारियों के साथ ही पुलिस, न्यायिक कर्मचारी, प्रिंटिंग प्रेस और परीक्षा का जिम्मा संभालने वाली एजेंसी की मिलीभगत सामने आई है। 13 आरोपितों को एसटीएफ अब तक गिरफ्तार कर चुकी है।