UKSSSC Paper Leak : पिता ने पाई-पाई करके लायक बनाया, लालची बेटे ने एक झटके में गवाया
UKSSSC Paper Leak उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने मंगलवार को नैनीताल जिले के रामनगर से एक और न्यायिक कर्मचारी हिमांशु कांडपाल को गिरफ्तार किया है। 2021 में हिमांशु की न्यायिक विभाग में कनिष्ठ सहायक की नौकरी लग गई ऐसे में परिवार की स्थिति ठीक होने लगी थी।

जागरण संवाददाता, देहरादून : UKSSSC Paper Leak : लालच के चलते हिमांशु कांडपाल ने अपने पिता की जिंदगी भर की मेहनत एक झटके में डुबो दी। सामान्य परिवार से वास्ता रखने वाला हिमांशु तीन बहनों का इकलौता भाई है। उसके पिता प्रयाग दत्त निजी क्षेत्र में सेवारत रहे।
उन्होंने किसी तरह दिन-रात मेहनत करके हिमांशु को पढ़ाया लिखाया। एक दुर्घटना में घायल होने पर पिता अब बेड पर हैं, जबकि मां दिल की मरीज है। स्नातक की पढ़ाई करने के बाद हिमांशु निजी कंपनी में काम के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने लगा।
2021 में हिमांशु की न्यायिक विभाग में कनिष्ठ सहायक की नौकरी लग गई, ऐसे में परिवार की स्थिति ठीक होने लगी थी। हिमांशु की सबसे बड़ी बहन का पति मनोज जोशी (पीआरडी से निष्कासित) इस धंधे की तरफ ले गया।
गिरोह तैयार करने में मनोज जोशी का हाथ
पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) मामले में काशीपुर, रामनगर व नैनीताल क्षेत्र से अब तक गिरफ्तार कई आरोपितों का मनोज जोशी परिचित है। ऐसे में गिरोह बनाने में मनोज जोशी का ही हाथ सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि कोई नौकरी न करने के बावजूद भी मनोज जोशी एशो आराम की जिंदगी जी रहा था।
दो उपनल कर्मियों सहित 13 आरोपित को गिरफ्तार
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तर की परीक्षा के पेपर लीक मामले में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने मंगलवार को नैनीताल जिले के रामनगर से एक और न्यायिक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। अभी एक दिन पहले ही एसटीएफ ने नैनीताल से एक न्यायिक कर्मचारी को गिरफ्तार किया था।
इस मामले में एसटीएफ अब तक तीन न्यायिक कर्मचारी, एक पुलिस कर्मचारी और दो उपनल कर्मियों सहित 13 आरोपित को गिरफ्तार कर चुकी है। एसटीएफ की ओर से उपनल, पुलिस व न्यायिक कर्मचारियों के गिरफ्तार होने पर संबंधित विभागों को रिपोर्ट भेज दी गई है।
मनोज जोशी को रिमांड पर ले सकती है एसटीएफ
एसटीएफ जल्द ही मनोज जोशी का रिमांड ले सकती है। सूत्रों के अनुसार पूरे मामले में मनोज जोशी का बड़ा हाथ सामने आ रहा है। क्योंकि वह 2015 से आयोग में तैनात था और 2018 में आयोग ने उसे हटा दिया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।