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    UKSSSC Paper Leak: सीबीआइ को सौंपी जाएगी पेपर लीक प्रकरण की जांच, सीएम धामी जल्‍द ले सकते हैं इस पर निर्णय

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 02 Sep 2022 12:25 AM (IST)

    UKSSSC Paper Leak Case उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआइ को सौंपी जाएगी। सरकार हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने के विकल्प पर भी विचार कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक-दो दिन में इस पर निर्णय ले सकते हैं ।

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    राज्य सरकार उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक प्रकरण पर महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून: UKSSSC Paper Leak Case: राज्य सरकार उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक प्रकरण पर महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। सरकार नहीं चाहती कि इस प्रकरण से उसकी छवि पर आंच आए। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस प्रकरण में जल्द सीबीआइ जांच की संस्तुति कर सकते हैं। यद्यपि, सूत्रों का कहना है कि इस प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने पर भी विचार चल रहा है।

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    उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद से ही मुख्यमंत्री धामी इस पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने शुरुआत में ही इसकी जांच एसटीएफ से कराने का निर्णय लिया।

    एसटीएफ की जांच काफी तेजी से आगे भी बढ़ रही है। एसटीएफ इस प्रकरण में अभी तक 31 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस प्रकरण की जांच में पकड़े गए आरोपितों के तार अन्य परीक्षाओं से भी जुड़ रहे हैं। इससे इस प्रकरण का दायरा बढ़ रहा है।

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार कह रहे हैं कि इस प्रकरण में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा, चाहे आरोपित कितना बड़ा व्यक्ति क्यों न हो। वह यह भी कह चुके हैं कि जरूरत पडऩे पर जांच का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है।

    उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री स्वयं इस संबंध में शासन, पुलिस और एसटीएफ के अधिकारियों से लगातार फीडबैक ले रहे हैं। इस क्रम में इस प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए वह उच्च अधिकारियों के साथ मंथन भी कर चुके हैं।

    इस प्रकरण की जांच सीबीआइ अथवा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने पर भी चर्चा हुई है। यह जांच कौन करेगा, इस पर मुख्यमंत्री जल्द फैसला लेंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अधिक संभावना इसी बात की है कि मुख्यमंत्री सीबीआइ जांच की संस्तुति करेंगे। ऐसा कर वह भ्रष्टाचार पर प्रहार पर सरकार के संकल्प का पूरा करने का संदेश भी देना चाहते हैं।

    मुक्त विश्वविद्यालय में नियम विरुद्ध हुईं नियुक्तियां: माहरा

    उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की भर्ती परीक्षा समेत विभिन्न भर्तियों में अनियमितता को लेकर सरकार पर हमलावर कांग्रेस ने एक ओर मोर्चा खोल दिया।

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मुक्त विश्वविद्यालय समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों में भर्तियों में अनियमितता का आरोप सरकार पर लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन भी नियुक्तियों में अनियमितता हुई, उनकी जांच की जाए।

    प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में गुरुवार को मीडिया से बातचीत में करन माहरा ने आरोप लगाया कि श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय और मुक्त विश्वविद्यालय में चहेतों को लाभ पहुंचाने को नियम विरुद्ध नियुक्तियां की गईं। मुक्त विश्वविद्यालय में 56 नियमित नियुक्तियां की गईं। कुछ भर्तियां आउटसोर्सिंग से की गईं।

    उन्होंने कहा कि वित्त सचिव ने आपत्ति व्यक्त करते हुए इन नियुक्तियों को नियम विरुद्ध बताया था। वित्त सचिव ने इस संबंध में उच्च शिक्षा सचिव को पत्र लिखा, जिसमें उल्लेख किया गया कि ये पद स्वीकृत नहीं हैं।

    इनके लिए वित्तीय स्वीकृति भी नहीं ली गई थी। मुख्यमंत्री के चहेते गिरजाशंकर जोशी की नियुक्ति पहले से ही विवादों में है।

    उन्होंने कहा कि श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में 65 पदों पर नियम विरुद्ध तैनाती की गईं। ऋषिकेश परिसर के लिए प्रदेश के राजकीय डिग्री कालेजों के शिक्षकों से आवेदन मांगे गए थे।

    इसमें चयन प्रक्रिया साक्षात्कार एवं वरिष्ठता के आधार पर होनी थी, लेकिन अंतिम समय में वरिष्ठता सूची को दरकिनार किया गया। माहरा ने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालय और आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में भी नियम ताक पर चहेतों की नियुक्ति की गई।

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