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    UKSSSC Paper Leak मामले की सीबीआई जांच होगी, CM धामी ने युवाओं को दिया आश्वासन

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 07:56 PM (IST)

    उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं के प्रदर्शन के बीच यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है और युवाओं के हित में हर संभव कदम उठाएगी। आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे भी वापस लिए जाएंगे। सरकार पहले ही दो गिरफ्तारियां और चार निलंबन कर चुकी है।

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    UKSSSC Paper Leak मामले की सीबीआई जांच होगी।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की 21 सितंबर को आयोजित परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को परेड ग्राउंड में आंदोलन कर रहे युवाओं के बीच पहुंचकर इसकी सहमति दी।

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    उन्होंने कहा कि प्रकरण की जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एसआईटी की ओर से की जा रही है। कमेटी ने काम भी शुरू कर दिया है, फिर भी युवाओं की मांग पर सरकार ने यह फैसला लिया है। इसमें कोई रुकावट नहीं आएगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा त्योहारी सीजन में गर्मी के बीच आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें भी यह अच्छा नहीं लग रहा है। सरकार का एक ही संकल्प है कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए। विगत चार वर्ष में सरकार ने इसी संकल्प के अनुसार काम किया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जानते हैं कि उत्तराखंड के युवा और छात्र पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करते हैं। इसी आधार पर उनके पास जीवन के लिए खूबसूरत सपने होते हैं। उन्होंने खुद ऐसी परिस्थितियों को देखा है। छात्रों और युवाओं के बीच काम करते हुए इसका अनुभव लिया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते तो यह बातचीत कार्यालय में भी हो सकती थी, लेकिन युवाओं के कष्ट को देखते हुए उन्होंने खुद धरना स्थल पर आने का निर्णय लिया है। वह पूरी तरह युवाओं के साथ हैं। सरकार ने पिछले चार वर्ष में पारदर्शी तरीके से 25 हजार से अधिक सरकारी भर्तियां की है। इमसें कहीं कोई शिकायत नहीं आई है।

    सिर्फ एक प्रकरण में यह शिकायत आई है, इसलिए युवाओं के मन से हर तरह की शंका को मिटाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सीएम ने कहा कि विगत सप्ताह भी जब युवा उनसे मिले थे तो उन्होंने तब ही स्पष्ट कर दिया था कि सरकार चाहती है कि युवाओं के मन में कोई अविश्वास, संदेह या शंका न रहे, इसलिए वह बिना किसी को बताए सीधे यहां परेड ग्राउंड में चले आए हैं।

    युवाओं पर दर्ज मुकदमे भी वापस होंगे

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आंदोलन के दौरान यदि युवाओं पर कहीं कोई मुकदमे दर्ज हुए हैं तो उन्हें वापस लिया जाएगा। अमृतकाल के विकसित भारत में उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बने, इसमें युवाओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

    दो की गिरफ्तारी, चार हो चुके हैं निलंबित

    यूकेएसएसएससी ने 21 सितंबर को प्रदेश में 445 केंद्रों पर स्नातक स्तरीय भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की थी। परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई लेकिन 11 बजकर 34 मिनट पर ही हरिद्वार के आदर्श बाल सदन इंटर कालेज बहादुरपुर जट में बने परीक्षा केंद्र से वाट्सएप के जरिये पेपर बाहर आ गया था।

    इस केंद्र में परीक्षा दे रहे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में संविदा पर कार्यरत जेई खालिद मलिक ने अपनी बहन साबिया के माध्यम से प्रश्नपत्र के तीन पेज अमरोड़ा डिग्री कालेज प्रतापनगर टिहरी में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को वाट्सएप पर भेजे थे। लेकिन सुमन की बहन ने इसे बेरोजगार संघ से जुड़े बाबी पंवार को भेज दिया।

    इसके कुछ देर बाद पेपर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने लगा। इस मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) ने मुख्य आरोपित खालिद और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया है।

    असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन, परीक्षा केंद्र में सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किए गए हरिद्वार जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक केएन तिवारी, परीक्षा केंद्र में तैनात दारोगा रोहित और कांस्टेबल ब्रह्मदत्त जोशी को लापरवाही के आरोप में निलंबित किया जा चुका है।