बिजली दर बढ़ाने के फैसले पर यूईआरसी दे सकता है उपभोक्ताओं को राहत
बिजली दरें बढ़ाने के प्रस्ताव पर फैसला कुछ दिन बाद आएगा, लेकिन यूईआरसी उपभोक्ताओं को राहत देने के पक्ष में है।
देहरादून, [जेएनएन]: बिजली दरें बढ़ाने के प्रस्ताव पर फैसला कुछ दिन बाद आएगा, लेकिन यूईआरसी उपभोक्ताओं को राहत देने के पक्ष में है। सूत्रों के मुताबिक यूईआरसी मार्च में जारी किए टैरिफ आदेश में कोई संशोधन करने के मूड में नहीं है। क्योंकि, जिन खर्चों में कटौती कर यूईआरसी ने बिजली दरें कम की थी, यूपीसीएल ने उनमें से ही कुछ खर्चों को टैरिफ में शामिल करने के लिए याचिका दायर की है।
वर्ष 2018-19 के लिए यूपीसीएल ने 16.57 फीसद दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। तीनों निगमों के प्रस्तावों के अनुसार 21.15 फीसद की बढ़ोत्तरी करने की जरूरत बताई गई थी। यूईआरसी ने दरें बढ़ाने के बजाय तत्कालीन बिजली दरों के सापेक्ष औसतन 1.37 फीसद (सात पैसे) की कमी की थी।
मई में यूपीसीएल ने याचिका दायर कर कहा है कि यूईआरसी ने लाइन लॉस 14.75 फीसद करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक यह करीब 17 फीसद है। आयोग ने इस गैप को टैरिफ में समायोजित नहीं किया, जिससे करीब 175 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। साथ ही यूपीसीएल ने रॉयल्टी की बिजली खरीद में आने वाले खर्च के करीब 207 करोड़ रुपये भी टैरिफ में जोड़ने की मांग की है।
इसके अतिरिक्त बिजली खरीद की लागत को 14 करोड़ और रुपये बढ़ाने और भवन आदि निर्माण के लिए 18 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी मांगी है। कुल 439 करोड़ रुपये टैरिफ में समायोजित करने का प्रस्ताव दिया है। यानी कुल 7.31 फीसद दरें बढ़ाने की याचिका दायर की है। यूईआरसी ने प्रस्ताव के सभी बिंदुओं का अध्ययन और गणना कर ली है। जल्द ही सुनवाई होगी और यूईआरसी फैसला सुनाएगा।
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