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    गहरी नींद में थे दो परिवार और अचानक हुआ एक धमाका, फिर सब कुछ खत्म

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Wed, 15 Jul 2020 10:25 PM (IST)

    बारिश और स्याह रात ने दो परिवारों को ऐसा जख्म दे दिया जिसे उबरने में शायद लंबा अरसा लग जाएगा।

    गहरी नींद में थे दो परिवार और अचानक हुआ एक धमाका, फिर सब कुछ खत्म

    देहरादून, जेएनएन। शाम से हो रही बारिश और स्याह रात ने दो परिवारों को ऐसा जख्म दे दिया, जिसे उबरने में शायद लंबा अरसा लग जाएगा। समीर की पत्नी किरन गर्भवती थी। उसे गुरुवार को डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाना था। इसलिए रात को ही सभी तैयारियां कर ली गई थीं। मगर अंदाजा ही नहीं था कि ऐसी अनहोनी हो जाएगी, जो किरन और उसकी ननद को ही लील लेगी। 

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    कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती समीर ने बताया कि मंगलवार देर रात तक वह पत्नी किरन और बहन प्रमिला के साथ होने वाले बच्चे और पत्नी की देखभाल को लेकर बात करता रहा। काफी देर तक उसे नींद नहीं आई। समीर ने बताया कि जैसे ही आंख लगी, अचानक एक जोर का धमाका हुआ। हमें संभलने का मौका तक नहीं मिला। मलबा उनके ऊपर आ गिरा। पत्नी को बचाने की कोशिश की, मगर वह मलबे के ढेर में दिखाई नहीं दी। वहीं, बहन की आवाज तो आई, पर पता नहीं चला कि वह मलबे के ढेर में कहां पर है। 

    बकौल समीर, प्रमिला को उसने पत्नी की डिलीवरी से पहले और बाद में देखभाल के लिए चकराता से देहरादून बुलाया था। बताया कि वह देहरादून में कैटरिंग का काम करता है। तीन महीने से लॉकडाउन के कारण काम ही नहीं चल रहा था। उसके दो अन्य भाई भी यहीं रहते थे, मगर काम न होने के कारण वह गांव लौट गए, लेकिन पत्नी की डिलीवरी के लिए समीर यहां पर रुका हुआ था। उनकी प्लानिंग थी कि डिलीवरी होने के बाद वह भी चकराता चले जाएंगे। 

    एक साल पहले हुई थी शादी 

    समीर लंबे समय से देहरादून में रहकर कैटरिंग का काम करता था। इस मकान में वह पांच साल से रह रहा था। एक साल पहले उसकी शादी हुई। इसके बाद वह पत्नी को भी देहरादून ले आया था।

    पुश्ता ढहने से चार की मौत  

    आपको बता दें कि देहरादून में मंगलवार-बुधवार मध्य रात बारिश के दौरान इंद्रा कालोनी स्थित चुक्खूवाला मोहल्ले में मकान पर नवनिर्मित पुश्ता ढहने से गर्भवती महिला और एक आठ वर्षीय बच्ची समेत चार की मौत हो गई। करीब आठ घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर राष्ट्रीय और राज्य आपदा नियंत्रण बलों ने मलबे में दबे शवों को बाहर निकाला। दो अन्य को मलबे से जीवित बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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    आइजी (गढ़वाल) अभिनव कुमार ने बुधवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति रिपोर्ट ली, जबकि डीएम डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव व डीआइजी अरुण मोहन जोशी पूरी रात घटनास्थल पर डटे रहे। इस प्रकरण में एक प्रॉपर्टी डीलर की लापरवाही सामने आ रही। डीएम ने एडीएम वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल को जांच सौंपी है। वह लोनिवि व सिंचाई विभाग से तकनीकी रिपोर्ट लेकर डीएम को देंगे। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हादसे पर शोक जताया है। 

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