उत्तराखंड में पहली बार फूड पाइप का 'पोयम' तकनीक से इलाज शुरू
उत्तराखंड में पहली बार फूड पाइप का पोयम तकनीक से इलाज शुरू हो गया है। मैक्स अस्पताल में किए गए उपचार के बाद 60 वर्षीय महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में पहली बार पोयम (पर-ओरल एंडोस्कोपिक मायोटॉमी) तकनीक से फूड पाइप खोला गया है। मैक्स अस्पताल में किए गए उपचार के बाद 60 वर्षीय महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ है और आसानी से खाना निगल पा रही है।
मैक्स अस्पताल में इंटरवेंशनल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रविकांत गुप्ता एवं एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. मयंक गुप्ता ने बुधवार को सुभाष रोड स्थित होटल में पत्रकारों से वार्ता में बताया कि इस बीमारी को ऐकेलेसिया कार्डिया कहते हैं। इसमें अमाशय से जुड़ा वॉल्व रिलेक्स नहीं हो पाता, इसलिए खाना फूड पाइप में जमा होता रहता है और उसे निगलने में दिक्कत होती है।
खाना निगलने में परेशानी के कारण अक्सर उल्टी होती रहती है। कुछ साल पहले तक ओपन सर्जरी ही विकल्प था, जिसमें मरीज को करीब एक सप्ताह तक भर्ती रहना पड़ता था। साथ ही तकलीफ भी ज्यादा उठानी पड़ती थी। पर अब पोयम तकनीक ने न केवल मरीजों का दर्द कम कर दिया है, बल्कि उन्हें अस्पताल से भी जल्दी छुïट्टी मिल जाती है। इसमें फूड पाइप में म्युकोसा और मांसपेशियों की परत के बीच एक टनल बनाई जाती है जो पेट तक जाती है।
ऐसा एक विशेष चाकू की मदद से एंडोस्कोप के द्वारा किया जाता है। इसके बाद रुकावट को दूर करने के लिए मांसपेशियों की परत को काटा जाता है। टनल की ओपनिंग को क्लिप की मदद से बंद कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया से ब्लॉकेज दूर हो जाती है। फूड पाइप से पेट तक खाना सामान्य तरीके से जाने लगता है। इस प्रक्रिया में आमतौर पर दो घंटे लगते हैं और मरीज 24 घंटे के अंदर घर लौट सकता है। इस दौरान अस्पताल के यूनिट हेड डॉ. संदीप सिंह तंवर आदि उपस्थित रहे।
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