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नौ हजार 'मुस्कान' बांट चुकी हिमालयन हॉस्पिटल की 'स्माइल ट्रेन'

स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के माध्यम से हिमालयन हॉस्पिटल में अब तक कटे होंठ और तालू के नौ हजार से ज्यादा ऑपरेशन किए जा चुके हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 04:34 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 08:59 AM (IST)
नौ हजार 'मुस्कान' बांट चुकी हिमालयन हॉस्पिटल की 'स्माइल ट्रेन'
नौ हजार 'मुस्कान' बांट चुकी हिमालयन हॉस्पिटल की 'स्माइल ट्रेन'

देहरादून, जेएनएन। डोईवाला स्थित हिमालयन हॉस्पिटल का प्लास्टिक सर्जरी विभाग विश्व की सबसे बड़ी क्लेफ्ट चैरिटी संस्था 'स्माइल ट्रेन' के सहयोग से अब तक नौ हजार से ज्यादा बच्चों के चेहरों को मुस्कान बांट चुका है। 

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प्रेस क्लब में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने इस रिकॉर्ड के लिए प्लास्टिक सर्जरी विभाग की पूरी टीम की सराहना की। उन्होंने बताया कि स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के माध्यम से हिमालयन हॉस्पिटल में अब तक कटे होंठ और तालू के नौ हजार से ज्यादा ऑपरेशन किए जा चुके हैं। इनमें उत्तराखंड सहित उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान के मरीज शामिल हैं। सर्जरी कर उनके चेहरे और आवाज को भी सुंदरता प्रदान की गई। 

बताया कि आगामी 16 मई को राष्ट्रीय क्लेफ्ट दिवस के उपलक्ष्य में हिमालयन हॉस्पिटल में 'स्माइल टॉर्च' नामक राष्ट्रीय स्तर पर क्लेफ्ट संबंधी जन जागरण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. संजय द्विवेदी ने बताया कि 16 मई को कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ. विजय धसमाना करेंगे जबकि ब्रिगेडियर डॉ. अनिल सूद मुख्य अतिथि होंगे। छात्रों के लिए आयोजित विभिन्न बौद्धिक प्रतियोगिताएं व रोड शो कार्यक्रम का विशेष आकर्षण होंगे। प्रचार विभागाध्यक्ष डॉ. रोमिल भटकोटी भी मौजूद रहे। 

सर्जरी पूरी तरह मुफ्त   

कटे होंठ विकृति जन्मजात होती है। हॉस्पिटल में स्माइल ट्रेन के माध्यम से इसकी सर्जरी पूरी तरह मुफ्त की जाती है। इसके अलावा संस्थान ऐसे लोगों को एक हजार की आर्थिक सहायता भी प्रदान करता है। 

सर्जरी का उचित समय 

जिन शिशुओं के जन्मजात कटे होंठ हों, उनकी सर्जरी छह माह और नौ से 18 माह में तालू की सर्जरी करानी चाहिए। जबकि हिमोग्लोबिन की न्यूनतम मात्रा 10 ग्राम और वजन 5 किलो होना चाहिए। 

विकृति से बढ़ सकती है परेशानी 

विश्व में 600 में से एक बच्चे जबकि भारत में 780 बच्चों में एक बच्चे में यह विकृति पाई गई है। इस विकृति के कारण बच्चे को कई प्रकार की परेशानी हो सकती है। जैसे बोलने, खान-पान के अलावा सांस लेने में भी दिक्कत बढ़ सकती हैं। उम्र बढ़ने पर मानसिक परेशानी से भी गुजर सकता है। 

रोगी के लिए हेल्पलाइन नंबर 

ऐसे रोगियों की मदद के लिए हिमालयन हॉस्पिटल ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। प्लास्टिक सर्जरी विभाग में सीधे संपर्क करने के अलावा 0135-2471384, 2412127 से अधिक जानकारी हासिल कर इस मुफ्त सेवा का लाभ उठा सकते हैं। 

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