Move to Jagran APP

ट्रैवल कंपनी को वापस करनी होगी उपभोक्ता की रकम Dehradun News

जिला उपभोक्ता फोरम ने एक मामले में ट्रैवल कंपनी को उपभोक्ता से ली गई रकम वापस करने का आदेश दिया है। इस रकम के अलावा ट्रैवल कंपनी को 30 हजार रुपये क्षतिपूर्ति भी देनी होगी।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 01:06 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 01:06 PM (IST)
ट्रैवल कंपनी को वापस करनी होगी उपभोक्ता की रकम Dehradun News
ट्रैवल कंपनी को वापस करनी होगी उपभोक्ता की रकम Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। जिला उपभोक्ता फोरम ने एक मामले में ट्रैवल कंपनी को उपभोक्ता से ली गई रकम वापस करने का आदेश दिया है। इस रकम के अलावा ट्रैवल कंपनी को 30 हजार रुपये क्षतिपूर्ति भी देनी होगी।

loksabha election banner

संगम विहार चंद्रबनी रोड सेवला कलां निवासी सुप्रिया झल्डियाल ने क्लब इंडिया हॉलिडेज लखनऊ के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया। शिकायतकर्ता के अनुसार क्लब इंडिया अपने सदस्यों को कम कीमत में हॉलिडे पैकेज देता है। 16 अप्रैल 2017 को क्लब इंडिया की तरफ से उन्हें सुभाष रोड स्थित होटल में एक इवेंट में आमंत्रित किया गया। 

जहां एक संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण के बाद उनसे सदस्यता फॉर्म भरवाया गया। उन्होंने दस वर्ष की अवधि के लिए पैकेज लिया। उक्त पैकेज का मूल्य डेढ़ लाख रुपये था। इसमें 6,250 रुपये की 12 किश्तें व 75 हजार रुपये प्रारंभिक राशि के रूप में जमा करने थे। इसके लिए उन्होंने 75 हजार रुपये चेक के माध्यम से अदा किए। इस पर उन्हें वेलकम किट भेजी गई। 

इसमें एक शीट में 5,999 रुपये वार्षिक शुल्क अदा करने का उल्लेख था। इसकी जानकारी उन्हें पहले नहीं दी गई थी। उन्हें यह संदेह हुआ कि इस पैकेज में कई और छिपी बातें हो सकती हैं। क्लब इंडिया की ओर से कोई स्पष्ट जवाब न मिलने पर उन्होंने सदस्यता निरस्त करने का प्रार्थना पत्र दे दिया। 

इसके बाद क्लब इंडिया का प्रतिनिधि उनसे व्यक्तिगत रूप से भी मिला। पर सदस्यता निरस्त करने के बजाय ई-मेल भेज दिया कि उन्हें वार्षिक शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। बाद में फोन पर वार्ता करने पर कहा गया कि निरस्तीकरण की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी। 

इस बीच उन्हें एक पत्र प्राप्त हुआ। इसमें कहा गया कि उक्त व्यक्ति के साथ कोई पत्राचार न करें, क्योंकि वह कंपनी का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। इसके बाद एक युवती से संपर्क करने को कहा गया। जब उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि क्लब इंडिया की नियत उनकी सदस्यता निरस्त करने की नहीं है तो उन्होंने पैकेज का उपभोग करने का फैसला लिया। 

इसका अनुभव भी अच्छा नहीं रहा। इस पर उन्होंने पुन: सदस्यता निरस्त करने को आवेदन किया। क्लब इंडिया की तरफ से कहा गया कि इस ओर जल्द कार्रवाई की जाएगी। इस बीच वे 6,250 रुपये की दो किश्तें भी दे चुकी थीं। कई दिन बाद उन्हें यह सूचना दी गई कि सदस्यता फॉर्म भरने के दस दिन के भीतर ही निरस्तीकरण को आवेदन किया जा सकता है। 

विपक्षी पर समन तामील होने के बाद भी उनकी तरफ से कोई फोरम में उपस्थित नहीं हुआ। तमाम साक्ष्य के आधार पर फोरम के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल व सदस्य विमल प्रकाश नैथानी ने यह आदेश दिया कि विपक्षी 87,500 रुपये उपभोक्ता को अदा करे। 25 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व पांच हजार रुपये बतौर वाद व्यय भी उसे देने होंगे।

संस्थान को वापस करनी होगी छात्र से ली गई फीस

जिला उपभोक्ता फोरम ने कोलकाता स्थित मरीन इंस्टीट्यूट को फीस वापसी का आदेश दिया है। इतना ही नहीं 13 हजार रुपये क्षतिपूर्ति भी देनी होगी। संस्थान ने नियमों का हवाला देकर फीस वापस करने से मना किया था। 

बेल रोड क्लेमेनटाउन निवासी निम्मी कुंडलिया ने इंडियन मैरिटाइम विश्वविद्यालय के कोलकाता कैंपस (मरीन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट) व संस्थान के निदेशक के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया। शिकायतकर्ता के अनुसार उन्होंने अपने पुत्र वंचित का दाखिला बीटेक मरीन इंजीनियरिंग में कराया। 

इसके लिए 37, 500 रुपये का ड्राफ्ट काउंसिलिंग के वक्त अदा किया। साथ ही 1,17,000 रुपये का ड्राफ्ट दाखिले के वक्त जमा किया। काउंसिलिंग के दौरान बताया गया कि संस्थान में बहुत अच्छी सुविधाएं, सभी उपकरण व पढ़ाई का अच्छा माहौल है। पर स्थिति ठीक उलट निकली। 

इतना ही नहीं उनके बेटे को रैगिंग का भी सामना करना पड़ा। इसकी सूचना शिक्षकों को देने पर भी दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। मानसिक वेदना के कारण उसने संस्थान छोड़ने का फैसला किया। उन्हें आश्वस्त किया गया था कि फीस 30 दिन के भीतर फीस वापस कर दी जाएगी पर ऐसा हुआ नहीं।

संस्थान को कई बार पत्र भेजा पर फीस वापस नहीं की गई। संस्थान ने अपनी पहले आपत्ति इस बात पर दाखिल की कि यह मामला उक्त फोरम के क्षेत्राधिकार में नहीं है। छात्र की रैगिंग या इस संबंध में किसी तरह की शिकायत को भी गलत बताया। वहीं, परिवादी ने कोलकाता पुलिस को दिए गए प्रार्थना पत्र की कॉपी दाखिल की थी। जिससे पुष्ट हुआ कि रैगिंग भी हुई थी। 

यह भी पढ़ें: ग्राहक को किए वायदे के अनुसार देना होगा एक्सचेंज बोनस, पढ़िए पूरी खबर Dehradun News

संस्थान ने एक तर्क ये दिया कि छात्र एक भी दिन कक्षा में उपस्थित होता है तो नियमानुसार फीस वापस नहीं की जाती। पर फोरम ने साक्ष्य के आधार पर यह माना कि संस्थान में फीस वापस किए जाने का प्रावधान है। क्योंकि सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी पर फीस वापसी पर विचार किए जाने की बात दस्तावेजों में उल्लेखित है। उस पर यूजीसी ने भी छात्र को प्रवेश शुल्क लौटाने के निर्देश दिए हैं। 

यह भी पढ़ें: क्लेम के लिए चालक का वैध ड्राइविंग लाइसेंस जरूरी, पढ़िए पूरी खबर

इसके अलावा संस्थान ने यह भी नहीं बताया कि उनके यहां कितनी सीटें आवंटित हैं और कितने विद्यार्थी प्रतीक्षा सूची में हैं। ऐसे में उक्त छात्र के सीट छोड़ने पर सीट खाली रह गई, यह बात कहीं भी पुष्ट नहीं हुई। फोरम के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल व सदस्य विमल प्रकाश नैथानी ने यह आदेश दिया कि एक हजार प्रक्रियात्मक शुल्क काट कर शेष राशि परिवादी को अदा करें। इसके तहत तीस दिन के भीतर 1,33,500 रुपये का भुगतान संस्थान करेगा। इसके अलावा दस हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व तीन हजार रुपये वाद व्यय के भी अदा करने होंगे।

यह भी पढ़ें: नारायण स्वामी इंस्टीट्यूट को लौटानी होगी चार एमबीबीएस छात्रों की फीस, देना होगा भारी हर्जाना


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.