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यहां सड़कों पर वर्कशॉप और अतिक्रमण से जाम हो रहा ट्रैफिक, पुलिस बनी मूकदर्शक

दून की सड़कोंं पर वर्कशॉप और अतिक्रमण से यातायात जाम हो रहा है। वहीं पुलिस मूकदर्शक बनी बैठी है। नगर निगम ने जरूर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 12:33 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 12:33 PM (IST)
यहां सड़कों पर वर्कशॉप और अतिक्रमण से जाम हो रहा ट्रैफिक, पुलिस बनी मूकदर्शक
यहां सड़कों पर वर्कशॉप और अतिक्रमण से जाम हो रहा ट्रैफिक, पुलिस बनी मूकदर्शक

देहरादून, जेएनएन। दून में पटेलनगर के लालपुल से लेकर कारगी चौक तक की जिस सड़क पर शुरुआत में ही श्री महंत इंदिरेश जैसा बड़ा अस्पताल है और आगे चलकर घनी आबादी वाली तमाम कॉलोनियां हैं, वहां यातायात प्रबंधन के नाम पर पुलिस ने आंखें मूंद रखी हैं। जो सीपीयू (सिटी पेट्रोल यूनिट) जरा-जरा सी बात पर आमजन का चालान काटने पर उतारू रहती है, उसे भी यहां की अंधेरगर्दी नजर नहीं आती।

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शुरुआत करते हैं लालपुल से चंद मीटर दूरी पर डीडी मोटर्स से। समय कोई भी हो। यहां आने वाले खराब या दुर्घटनाग्रस्त वाहन न सिर्फ सड़क पर ही पार्क रहते हैं, बल्कि इनकी वर्कशॉप भी सड़क पर ही नजर आती है। 

दुर्घटनाग्रस्त वाहन एक पंक्ति में सड़क के हिस्से पर खड़े रहते हैं और अक्सर इनका सर्वे और जांच-पड़ताल का काम भी सड़क पर ही होता है। इसके अलावा आसपास की जितनी गलियां हैं, यहां भी वाहन रात-दिन खड़े नजर आते हैं। खानापूर्ति के लिए पुलिस बीच-बीच में चालान कर अपनी जिम्मेदारी पूरी करती है, मगर इन्हें सड़क से हटाने की स्थायी व्यवस्था की ही नहीं जाती। 

यदा-कदा पुलिस ने साहस कर इसकी कार्रवाई की रिपोर्ट सिटी मजिस्ट्रेट को भेजी तो वहां से उसे डंप कर दिया गया। इस अनदेखी का नतीजा यह होता है कि शुरुआत में ही सड़क जाम से पैक हो जाती है और पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। 

एंबुलेंस तक फंस जाती है जाम में

सड़क पर पार्किंग होने या वर्कशॉप की तरह काम होने के चलते जब जाम लगता है तो उसमें कई दफा महंत इंदिरेश अस्पताल की एंबुलेंस भी फंस जाती हैं। यह स्थिति पूरी तरह से अमानवीय दिखती है, मगर पुलिस या सीपीयू के कार्मिकों को इस तरफ ध्यान देने की फुर्सत नहीं होती। 

फड़-ठेलियां भी अनियोजित 

लालपुल से लेकर कारगी चौक तक 200 से अधिक फड़-ठेलियां लगी रहती हैं। शाम ढलते ही यह अनियंत्रित होकर सड़कों पर खड़ी हो जाती हैं। इससे भी जाम की समस्या बढ़ जाती है।

अस्पताल के बाहर सड़क पर पार्किंग

महंत इंदिरेश अस्पताल के बाहर भी मुख्य सड़क पर वाहन बेतरतीब ढंग से पार्क रहते हैं। यह स्थिति तब है जब अस्पताल परिसर पर वाहनों की पार्किंग का पर्याप्त इंतजाम किया गया है। इसके चलते भी इस पूरे हिस्से पर हर समय जाम लगा रहता है। 

एक बार हट चुका अतिक्रमण

कारगी रोड का करीब छह साल पहले चौड़ीकरण किया गया था। हालांकि, चौड़ीकरण कार्य में भी खानापूर्ति की गई और रिकॉर्ड के अनुसार पूरी चौड़ाई हासिल ही नहीं की जा सकी। जिसका नतीजा यह हुआ कि कुछ समय बाद ही सड़क पर अतिक्रमण हो गए। कुछ समय पहले हाई कोर्ट के आदेश पर इस सड़क पर से भी अतिक्रमण हटाया गया, मगर यहां भी अधिकारी औपचारिकता निभाने से बाज नहीं आए। 

नाम लेनेभर को अतिक्रमण हटाए गए और ज्यादातर स्थानों पर अधिकारियों की टीम लाल निशान लगाकर बैरंग लौट गई। देहराखास चौक से लेकर कारगी चौक तक कई स्थानों पर लाल निशान अभियान का मुंह चिढ़ाते नजर आते हैं।

फुटपाथ कब्जाने वालों पर चला महापौर का डंडा

राजधानी में फुटपाथ, नाली और सड़क कब्जाने वालों पर नगर निगम का डंडा चलना शुरू हो गया है। महापौर सुनील उनियाल गामा ने स्वयं धर्मपुर क्षेत्र से इसकी शुरुआत की। यहां फुटपाथ पर सजे 22 स्थायी फड़, ठेली और खोमचों को हटाते हुए महापौर ने पूरे शहर में अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि जिस क्षेत्र में फुटपाथ पर कब्जा पाया गया, वहां तैनात इंस्पेक्टर को जिम्मेदार माना जाएगा। 

शहर में फुटपाथ, नाली और सड़क पर अवैध कब्जे से आम लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। इस समस्या को दैनिक जागरण लगातार उठा रहा है। बुधवार को महापौर सुनील उनियाल समस्या का संज्ञान लेते हुए अचानक नगर निगम की टीम के साथ धर्मपुर सब्जी मंडी पहुंचे। यहां आधी सड़क पर फल, सब्जी, जूस आदि बेचने वाले व्यापारियो को देख महापौर भड़क गए। 

उन्होंने कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि फुटपाथ पर कब्जे होंगे तो आम लोग कहां चलेंगे। महापौर की नाराजगी भांपते हुए कर्मचारी भी अवैध कब्जे वालों पर टूट पड़े। करीब आधे घंटे से कम समय में यहां 22 दुकानें हटा दी गई। इसमें कुछ को व्यापारियों ने स्वयं तो कुछ नगर निगम की टीम ने हटाया। 

 

महापौर ने व्यापारियों के हिदायत दी कि दोबारा फुटपाथ पर कब्जा मिला तो सीधी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इधर, महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि यह अभियान पूरे शहर में चलाया जाएगा। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के इंस्पेक्टरों को जिम्मेदारी दी गई है। कहा कि यदि दोबारा अतिक्रमण पाया गया तो इंस्पेक्टर ही जिम्मेदार होंगे। 

कार्रवाई के दौरान टीम ने तीन ट्रक सामान और व्यापारियों के कांटे-बाट भी जब्त कर लिए। अभियान के दौरान भूमि कर अधिकारी धर्मेश पैन्यूली, पार्षद अजय सिंघल, राजेश रावत, अनिल डबराल, संजीव मल्होत्रा आदि मौजूद रहे।

लगेगा एक लाख का जुर्माना 

महापौर ने कहा कि फुटपाथ कब्जाने वालों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। कार्रवाई में बीस व्यापारियों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है। अवैध फड़ पर सब्जियों के दोगुने दाम सड़क और फुटपाथ पर कब्जा कर फल, सब्जी और दूसरे कारोबार करने वाले दोगुना दाम वसूलते हैं। मंडी और आम दुकानों की तुलना में यहां महंगे फल और सब्जी बेची जाती हैं। 

इस पर जब लोग पूछते हैं तो दुकानदारों का सीधा जवाब होता है कि साहब पुलिस को भी देना पड़ता है। इससे सवाल उठता है कि क्या पुलिस की शह पर फुटपाथ, नाली और सड़क घेरकर अतिक्रमण किया जा रहा है। 

यहां फुटपाथ पर कब्जे 

शहर के धर्मपुर, नेहरू कॉलोनी, ईसी रोड, राजपुर रोड, चकराता रोड, पलटन बाजार, गांधी रोड, कचहरी रोड, प्रिंस चौक, सहारनपुर रोड, कांवली रोड, कारगी रोड, जीएमएस रोड, आइएसबीटी, हरिद्वार हाईवे, टर्नर रोड, प्रेमनगर आदि क्षेत्र में फुटपाथ और नालियों पर सबसे ज्यादा कब्जे हैं।

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