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    कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की दो टूक, कार्य समय पर न हुए तो नपेंगे कार्मिक

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    Updated: Wed, 29 Jul 2020 08:15 AM (IST)

    कैबिनेट मंत्री महाराज ने दोनों विभागों की समीक्षा के दौरान अफसरों के पेच कसे। उन्होंने दो टूक कहा काम समय से पूरा न करने पर संबंधित कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

    कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की दो टूक, कार्य समय पर न हुए तो नपेंगे कार्मिक

    देहरादून, राज्य ब्यूरो। पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को दोनों विभागों की समीक्षा के दौरान अफसरों के पेच कसे। उन्होंने दो टूक कहा कि विभिन्न योजनाओं का काम समय से पूरा न करने पर संबंधित कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन राज्य की आर्थिकी से जुड़ा विषय है, इसमें किसी प्रकार की कोताही सहन नहीं होगी। 

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    उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सभागार में पर्यटन की समीक्षा करते हुए कैबिनेट मंत्री महाराज ने निर्देश दिए कि सभी यात्रा मार्गों पर गुणवत्तायुक्त शौचालयों की व्यवस्था करने के साथ ही साइनेज लगाए जाएं। इसमें यह भी अंकित हो कि मोबाइल कनेक्टिविटी कहां तक है। साथ ही कैरावान पार्क बनाने और इनमें आधुनिक सुविधाएं विकसित करने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने मोरी, हरकीदून व जखोल सर्किट को टै्रकिंग के रूप में विकसित को दिशा-निर्देश बोर्ड लगाने को भी कहा। 
    उन्होंने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर तय किया गया है कि 72 घंटे पूर्व कोविड टेस्ट करवाने वाले यात्री की रिपोर्ट नेगेटिव होने पर वह कहीं भी घूम सकता है। उन्होंने होम स्टे, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के साथ ही केंद्र पोषित योजनाओं की समीक्षा भी की। रोपवे में न हो चीनी उपकरणों का प्रयोग कैबिनेट मंत्री महाराज ने बताया कि सुरकंडा में रोपवे का निर्माण कर रही कंपनी को निर्देश दिए गए हैं कि वह किसी भी दशा में चीनी उपकरणों का प्रयोग न करे। केवल स्वदेशी उपकरणों का ही प्रयोग हो। इस सबके मद्देनजर कंपनी को एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया गया है। 
    महाराज ने पीपीपी मोड पर बनने वाली ठुलीगाड- पूर्णागिरि, केदारनाथ रोपवे समेत अन्य रोपवे परियोजनाओं की समीक्षा भी की। महाभारत सर्किट को 97 करोड़ का कांसेप्ट नोट पर्यटन मंत्री ने बताया कि स्वदेश दर्शन योजना में महाभारत सर्किट का 97.77 करोड़ का कांसेप्ट नोट केंद्र को भेजा गया है। टिहरी झील और कटारमल-जागेश्वर हैरिटेज सर्किट के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। प्रसाद योजना में केदारनाथ में 90 फीसद काम हो चुके हैं, जबकि बदरीनाथ में चल रहे हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री की डीपीआर तैयार हो रही है। उन्होंने बताया कि बाह्य सहायतित योजनाओं में झील के समग्र पर्यटन विकास को 1210 करोड़ का ऋण प्रदान करने पर सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। 
    प्रवासियों को मिले रोजगार 
    कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्यटन योजनाओं में प्रवासियों को भी रोजगार मिले, इस ओर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि कंडाली केनिंग से भी रोजगार मुहैया कराया जा सकता है। टिम्मरसैण को केंद्र से मांगी अनुमति पर्यटन मंत्री ने कहा कि टिम्मरसैंण महादेव मंदिर को शीतकालीन पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने केंद्र से अनुमति मांगी गई है। टिम्मरसैंण महादेव में भी अमरनाथ की तरह बड़े शिवलिंग की रचना होती है। तीलू रौतेली संग्रहालय को स्वीकृति संस्कृति विभाग की समीक्षा के बाद महाराज ने बताया कि वीरांगना तीलू रौतेली के नाम पर संग्रहालय बनाने की स्वीकृति मिल गई है। यह भी बताया कि विभिन्न स्थानों पर प्रेक्षागृह का कार्य जारी है।