कैबिनेट मंत्री महाराज ने दिए निर्देश, प्रवासियों को ध्यान में रखकर बनें जलागम की योजनाएं
गांव लौटे प्रवासियों को जलागम की विभिन्न योजनाओं के जरिये भी स्वरोजगार हासिल हो सकेगा। जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए।
By Edited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 08:41 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 02:46 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना संकट के चलते गांव लौटे प्रवासियों को जलागम की विभिन्न योजनाओं के जरिये भी स्वरोजगार हासिल हो सकेगा। जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को इंदिरानगर स्थित जलागम निदेशालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जलागम की जितनी भी योजनाएं तैयार की जाएं, उनमें प्रवासियों और बेरोजगारों को केंद्र में रखा जाए।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि जलागम के कार्यक्षेत्र को बढ़ाया जाए, ताकि अधिकाधिक लोगों को स्वरोजगार मिल सके। उन्होंने चौबट्टाखाल समेत विभिन्न क्षेत्रों में विकसित किए जा रहे ग्रोथ सेंटरों की स्थिति का ब्योरा जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। महाराज ने कहा कि यह भी देखने में आया है कि जलागम में कई कार्मिक लंबे समय से एक ही जगह तैनात हैं। उन्होंने ऐसे कार्मिकों का ब्योरा भी तलब किया और कहा कि किसी भी अधिकारी को फील्ड का चार्ज देने से पहले पत्रावली अनुमोदन को प्रस्तुत की जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जलागम मुख्यालय में संविदा पर तैनात जिन कार्मिकों की लगातार शिकायतें मिल रही हैं, उनका ब्योरा भी उन्हें जल्द उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि जलागम परियोजना के तहत गांवों में लगाए जा रहे सोलर सिस्टम में स्थानीय विक्रेताओं को भी लाभान्वित किया जाना चाहिए। महाराज ने बताया कि राज्य में लगभग 334 ग्राम पंचायतों में समग्र जलागम उपचार का कार्य चल रहा है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए तय 208.16 करोड़ के बजट में से अब तक 84.67 करोड़ जारी किया जा चुका है। जलागम के कार्यों की बदौलत 1485 जल स्रोतों के डिस्चार्ज में 22 से 27 फीसद और कृषि क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा एवं कृषि उत्पादकता में भी 30 फीसद की वृद्धि हुई है।
सौर ऊर्जा का प्रयोग कर 144 हेक्टेयर बारानी कृषि क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा मुहैया कराई गई है। बेमौसमी फसलों को बढ़ावा देने को पॉलीहाउस, पॉली टनल बनाए जा रहे हैं। बैठक में परियोजना निदेशक ग्राम्या नीना ग्रेवाल, परियोजना निदेशक जलागम (गढ़वाल) सनातन आदि मौजूद थे। करीब एक करोड़ की आमदनी जलागम मंत्री ने बताया कि निर्बल आय कोष गतिविधि के तहत गैर कृषि आधारित आजीविका गतिविधियों के लिए 65.10 लाख की वित्तीय सहायता दी गई थी। इन गतिविधियों में 99.90 लाख की आमदनी हुई है।
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