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    Unseen Tourist Spots Pics: घूमने का है शौक और नई जगह को करना चाहते हैं Explore, तो ये हो सकती है बेस्ट डेस्टिनेशन

    Unseen Tourist Spots Pics अगर आप भी घूमने का शौक रखते हैं और नई जगह को Explore करना चाहते हैं तो देर मत कीजिए और चले आइए पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लाक के खरीक गांव। यहां स्थित प्राकृतिक ताल और खूबसूरत नजारे आपके यात्रा को सफल बना देंगे। पौ

    By Raksha PanthriEdited By: Updated: Mon, 20 Sep 2021 11:22 PM (IST)
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    घूमने का है शौक और नई जगह को करना चाहते हैं Explore, तो यहां चले आइए। दुर्गा नौटियाल

    दुर्गा नौटियाल, ऋषिकेश। Unseen Tourist Spots Pics उत्तराखंड के खूबसूरत ताल और बुग्याल सैलानियों (Tourist) को आकर्षित करते हैं। प्रकृति प्रेमी और ट्रैकिंग (Trekking) का शौक रखने वाले पर्यटक बड़ी संख्या में यहां तक पहुंचते हैं। मगर, कुछ ताल, बुग्याल और खूबसूरती से भरे पर्यटक स्थल ऐसे भी हैं, जो नीति नियंताओं की उदासीनता के चलते गुमनाम हैं। पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लाक के खरीक गांव का प्राकृतिक ताल भी ऐसा ही एक गुमनाम ताल है, जिसे पर्यटन के नक्शे में पहचान ही नहीं मिल पाई।

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    पौड़ी जनपद के द्वारीखाल ब्लाक में बिचला ढांगू पट्टी के खरीक गांव में मानसून के दिनों में एक शानदार ताल आधा किलोमीटर के दायरे में आकार लेता है। जून-जुलाई से अक्टूबर-नवंबर तक लगभग पांच माह यह ताल पानी से लबालब भरा रहता है। बरसात के बाद धीरे-धरे यह ताल(Khareek Tal) सूख जाता है। मगर, प्रत्येक वर्ष चार से पांच माह के लिए प्रकृति की गोद में आकार लेने वाला खरीक ताल इस दौर में भी गुमनाम है।

    ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग (Rishikesh-BadrinathRoute) पर कौड़ियाला से गंगा की बायें ओर महादेव चट्टी पुल से करीब छह किमी की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत खरीक तक पहुंचना इतना मुश्किल भी नहीं है। शानदार ट्रैकिंग रूट के साथ यहां प्रकृति के नजारे पर्यटकों को बरबस ही लुभा देते हैं।

    पहाड़ी ट्रैक को पार कर खरीक गांव में पहुंचते ही यहां चारों ओर फैली हरियाली और आधा किमी क्षेत्र में विस्तार लिए ताल को देखकर शरीर की थकान खुद ही दूर हो जाती है। मगर, इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि चार से पांच माह तक बनने वाले इस ताल के दीदार करने के लिए चंद लोग ही यहां पहुंच पाते हैं। इसका बड़ा करण यह रहा कि आज तक प्रशासन या पर्यटन विभाग की ओर से इस ताल को पर्यटन के लिहाज से विकसित ही नहीं किया गया।

    यही नहीं पर्यटन के नक्शे में इस ताल का कहीं नामोनिशां भी नहीं है। ग्राम पंचायत खरीक के उप प्रधान विनोद सिंह पंवार ने बताया कि खरीक ताल को पर्यटक स्थल के रूप में पहचान दिलाने की जरूरत है। सड़क मार्ग से पहुंच होने के साथ बेहतर ट्रैकिंग रूट होने के कारण खरीक ताल पर्यटकों को आकर्षित करने में सक्षम है।

    बोटिंग और वाटर स्पोर्ट्स के लिए किया जा सकता है विकसित

    खरीक ताल की उम्र प्रत्येक वर्ष भले ही चार से पांच माह की होती है। मगर, इस अवधि में यह ताल पर्यटन के लिए एक बेहतर विकल्प बन सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित ताल और ट्रैकिंग रूट पर जहां बरसात के दिनों में भूस्खलन और अन्य बाधाओं के चलते पर्यटक नहीं पहुंच पाते हैं।

    वहीं ऋषिकेश के बेहद निकट स्थिति खरीक ताल व इसके ट्रैकिंग रूट को इस अवधि में पर्यटकों के लिए विकसित किया जा सकता है। आधा किमी से अधिक क्षेत्र में फैले इस ताल की चौड़ाई व गहराई भी अच्छी है, लिहाजा इसे बोटिंग व वाटर स्पोर्ट्स के लिए भी विकसित किया जा सकता है।

    ग्रामीणों के लिए खुलेंगे रोजगार के द्वार

    खरीक ग्राम पंचायत को अटल आदर्श ग्राम पंचायत का दर्जा प्राप्त है। करीब आठ सौ की आबादी वाले इस गांव में कृषि के अलावा रोजगार का कोई साधन नहीं है। ऐसे में खरीक ताल को यदि पर्यटन के लिए विकसित किया जाता है और यहां पर्यटकों की आमद बढ़ती है तो गांव के नौजवानों को रोजगार से भी जोड़ा जा सकता है।

    पंचायत खरीक के पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह पंवार बताते हैं कि खरीक ताल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए हमने पूर्व में पर्यटन विभाग को प्रस्ताव भेजा था। मगर, इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। खरीक ताल प्रत्येक वर्ष मानसून काल में चार से पांच माह तक पानी से भरा रहता है। जिससे यहां पर इस अवधि में पर्यटन की अच्छी संभावनाएं हैं। सरकार को चाहिए कि इस ताल का प्रचार-प्रसार पर इसे पर्यटन नक्शे में स्थान दे।

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    पौड़ी गढ़वाल के जिला पर्यटन अधिकारी केएस नेगी का कहना है कि द्वारीखाल ब्लाक के खरीक गांव में प्राकृतिक ताल को विकसित करने के लिए कुछ वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत की ओर से प्रस्ताव आया था। मगर, किन्हीं कारणों से इस पर काम नहीं हो पाया। पर्यटन विभाग जल्द ही खरीक ताल में पर्यटन की संभावनाओं को तलाशने के लिए सर्वे करेगा। यदि संभव होगा तो खरीक ताल व इसके ट्रैकिंग रूट को विकसित करने का काम किया जाएगा।

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